हिमाचल विधानसभा: लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा का वाकआउट, जयराम बोले- CM ने सदन को गुमराह किया; सुक्खू की भी आई टिप्पणी
धर्मशाला में एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा ने हिमाचल विधानसभा से वाकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर सदन ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश विधानसभा से वाकआउट करते भाजपा विधायक। जागरण
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में बीते रोज हुए कथित लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी दल भाजपा ने वीरवार को विधानसभा से वाकआउट किया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद प्वाइंट ऑफ आर्डर से यह मामला उठाया और कहा कि एसडीएम धर्मशाला ने विद्यार्थी परिषद को टैक्सी स्टैंड से जोरावर स्टेडियम तक विरोध मार्च की अनुमति दी थी।
इसकी सूचना एसडीएम ने बाकायदा संबंधित एसएचओ को भी दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांजी, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
सीएम ने सदन को किया गुमराह
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भी सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बीते रोज सदन में कहा था कि विद्यार्थी परिषद को विरोध मार्च की अनुमति नहीं दी थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा विधायक दल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में सदन से वाकआउट कर रहा है।
एसडीएम के दृष्टिहीनों से बदसलूकी का मामला भी उठाया
नेता प्रतिपक्ष ने शिमला में एसडीएम शहरी द्वारा दृष्टिहीनों के साथ बीते रोज की गई बदसलूकी का मामला भी उठाया। उन्होंने राजभवन के बाहर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री का पुतला जलाने और इस दौरान पुतले को लातें मारने का भी मामला उठाया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पूछा कि क्या अधिकारियों को ऐसा करने वाले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी?
कुलदीप पठानिया ने रखा पक्ष
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने बीते रोज भी सदन में कहा था कि विद्यार्थी परिषद को केवल विरोध मार्च की इजाजत थी न कि धरने या रैली की।
राजनीतिक लाभ के लिए किया वाकआउट : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने विपक्ष के वाकआउट की निंदा की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भाजपा ने यह वाकआउट राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया, जो निंदनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में भाजपा विधायक अपनी पार्टी की रैली में जाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के साथ हुई पुलिस की कथित झड़प की आड़ ली।
मार्च की ही अनुमति थी, बैरीगेट तक तोड़ दिए
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं को टैक्सी स्टैंड से जोरावर स्टेडियम तक विरोध मार्च की अनुमति दी गई थी, लेकिन विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने विधानसभा तक आने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने बैरीगेट तोड़ दिए। इस पर उनकी पुलिस से झड़प हो गई और उन पर हलका बल प्रयोग किया गया।
यह भी पढ़ें: हिमाचल सरकार के खिलाफ BJP का जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शन, राजीव भारद्वाज का आह्वान- 3 नेताओं की टीम करेगी बदलाव
उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे तक ट्रैफिक जाम किया, जबकि उन्हें सड़क बंद करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इस कारण लोगों को भारी परेशानी हुई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।