जोड़ों के दर्द को हल्के में न लें, बन सकता है कैंसर, टांडा के विशेषज्ञ ने बताए गंभीर रोग के लक्षण
Joint Pain and Cancer link टांडा अस्पताल के डा. विपिन शर्मा ने चंबा में हड्डियों के कैंसर पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि हड्डियों में हल्का दर्द सूजन या रात को असहनीय दर्द होने पर अनदेखा न करें ये कैंसर की शुरुआती चेतावनी हो सकती है। असंतुलित जीवनशैली और जंक फूड इसके मुख्य कारण हैं।

सुरेश ठाकुर, चंबा। Joint Pain and Cancer link, डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा के हड्डी रोग विभागाध्यक्ष, डा. विपिन शर्मा ने कहा कि कभी हड्डियों में हल्का दर्द, सूजन या रात को असहनीय दर्द होने पर लोग सोचते हैं यह सामान्य मांसपेशियों की थकान या किसी पुरानी चोट का असर है। लेकिन कई बार यही मामूली लगने वाले संकेत हड्डियों के कैंसर की शुरुआती चेतावनी होते हैं।
दुर्भाग्यवश लोग इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं। जब तक सही जांच होती है, तब तक यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है। यही वजह है कि बोन कैंसर को चिकित्सा जगत में सबसे चुनौतीपूर्ण और खतरनाक प्रकारों में गिना जाता है। हर साल दुनियाभर में लाखों लोग कैंसर की गिरफ्त में आते हैं और इनमें युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
डा. विपिन शर्मा ने रविवार को चंबा में चल रहे राष्ट्रीय हिमआर्थोकान सम्मेलन में हड्डियों के कैंसर पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि असंतुलित जीवनशैली, जंक फूड, प्रदूषण और आनुवंशिक कारक इसके मुख्य कारण बन रहे हैं।
हड्डियों का कैंसर हालांकि दुर्लभ है पर इसका असर बेहद गहरा और विनाशकारी होता है। यह अकसर पैरों, हाथों, घुटनों या रीढ़ की हड्डी में शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है।
ये होते हैं लक्षण
हड्डियों में लगातार या रात में बढ़ता दर्द, सूजन या गांठ का उभरना शरीर के प्रभावित हिस्से में कमजोरी या अकड़न मामूली चोट पर भी हड्डी का टूट जाना, थकान, वजन घटना या बुखार जैसे अनुभव बोन कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं। अकसर ये लक्षण सामान्य जोड़ों के दर्द या अर्थराइटिस (गठिया) जैसी बीमारियों से मिलते-जुलते हैं, जिससे लोग भ्रमित हो जाते हैं। परिणामस्वरूप बीमारी का पता देर से चलता है, जब इलाज जटिल हो जाता है।
रोबोटिक सर्जरी से इलाज हुआ आसान
डा. विपिन शर्मा ने कहा कि हड्डियों के कैंसर का इलाज अब पहले की तुलना में कहीं अधिक सटीक और प्रभावी हो गया है। चिकित्सा विज्ञान ने रोबोटिक सर्जरी के रूप में एक नई दिशा दी है, जो सर्जरी को बेहद परिशुद्ध, सुरक्षित और कम दर्दनाक बना रही है। रोबोटिक सर्जरी चिकित्सा तकनीक की वह नई क्रांति है, जिसने कैंसर उपचार को बिल्कुल नए स्तर पर पहुंचा दिया है। यह सटीकता इंसान के हाथों की तुलना में कई गुना अधिक होती है।
घुटने के ट्यूमर में कारगर होगी तकनीक
घुटने और जांघ की हड्डी में पाए जाने वाले ट्यूमर के मामलों में यह तकनीक बहुत सफल साबित हुई है। यह तकनीक न केवल दर्द और संक्रमण को कम करती है, बल्कि रिकवरी टाइम को भी घटा देती है। जहां पहले मरीज को कई हफ्ते अस्पताल में रहना पड़ता था, अब 24 से 48 घंटे में ही वह सामान्य गतिविधियों की ओर लौट सकता है। यह मरीज के लिए सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि नई जिंदगी की शुरुआत होती है। रोबोटिक सर्जरी सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि जीने का नया तरीका है। यह सटीकता और संवेदना की वह मिसाल है, जिसने हड्डियों के कैंसर के खिलाफ एक नई उम्मीद जगा दी है।
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