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    Himachal News: एम्स बिलासपुर में हड्डियों की मजबूती का 15 मिनट में चलेगा पता, अब नहीं जाना पड़ेगा हिमाचल से बाहर

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:58 PM (IST)

    Himachal Pradesh AIIMS Bilaspur हड्डियों के रोगियों के लिए एम्स बिलासपुर में डेक्सा मशीन स्थापित की गई है। सवा दो करोड़ रुपये की इस मशीन से हड्डियों की मजबूती का पता 15 मिनट में चल जाएगा। अब मरीजों को चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह मशीन रेडिएशन कम करती है और बिना दर्द के हड्डियों का घनत्व मापा जाता है जिससे फ्रैक्चर के खतरे का पता चलता है।

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    एम्स बिलासपुर में हड्डियों की समस्या का तुरंत पता चल पाएगा। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, बिलासपुर। Himachal Pradesh AIIMS Bilaspur, एक आयु के बाद हड्डियों के विकार होने आरंभ हो जाते हैं। इसका कारण यह होता है कि हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ होते हैं लेकिन हड्डियों की स्थिति का सटीक पता न चलने से सही तरह उपचार नहीं होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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    हड्डियों की मजबूती और घनत्व का पता लगाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के एंडोक्रिनोलाजी विभाग में करीब सवा दो करोड़ रुपये से डेक्सा मशीन स्थापित की है। इस मशीन की खासियत यह है कि इसमें रेडिएशन बहुत कम होता है और हड्डियों की पूरी जांच पांच से 15 मिनट में हो जाती है।

    जांच के लिए इंजेक्शन व बेहोश करने की आवश्यकता नहीं होती है। कमजोर मरीजों के लिए यह सुरक्षित और बिना दर्द की प्रक्रिया है। एम्स बिलासपुर प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान होगा, जहां इस स्तर की सुविधा आरंभ की गई है।

    डेक्सा मशीन से मापा जाता है हड्डियों का घनत्व

    पहले प्रदेश के मरीजों को हड्डियों की इस तरह की जांच के लिए चंडीगढ़ या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था। डेक्सा मशीन स्थापित होने से हड्डियों से संबंधित रोगियों को काफी राहत मिलेगी। डेक्सा मशीन के जरिए हड्डियों के घनत्व को मापा जाता है। इससे आस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के कमजोर होने की शुरुआती पहचान हो जाती है और पता चलता है कि मरीज में भविष्य में फ्रैक्चर का खतरा कितना है। उपचार के दौरान दवाओं और थैरेपी के असर का भी सटीक मूल्यांकन होगा।

    मशीन स्थापित होने से नहीं लगानी होगी अन्य राज्यों की दौड़

    65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, स्टेरायड या कैंसर थैरेपी वाले मरीज, बार-बार फ्रैक्चर वाले लोग, थायरायड, किडनी और लीवर की पुरानी बीमारी वाले मरीजों को हड्डियों की स्थिति का पता लगाने में डेक्सा मशीन का बड़ा लाभ मिलेगा। इस मशीन के स्थापित होने से प्रदेश के लोगों को न केवल अन्य राज्यों में जाने से छुटकारा मिलेगा, बल्कि समय रहते गंभीर बीमारियों को भी रोका जा सकेगा।

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