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    किश्तवाड़ में हिमाचल का जवान बलिदान, 2 दिन पहले पिता से हुई थी बात; 6 साल का बेटा अब किसे कहेगा पापा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 07:05 PM (IST)

    Himachal Soldier Martyr जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बलदेव चंद शहीद हो गए। सैनिक बलदेव चंद ने 17 सितंबर को अपने पिता से फोन पर बात की थी। वे झंडूता के गंगलोह गांव के रहने वाले थे। बलदेव चंद 2011 में सेना में भर्ती हुए थे।

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    किश्तवाड़ में बलिदान हिमाचल प्रदेश का जवान बलदेव चंद।

    मुनीष गारिया, बिलासपुर। Himachal Soldier Martyr, पिताजी हम लोग किसी आपरेशन पर हैं, यहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, किसी व्यवस्था के तहत आपसे बात कर रहा हूं। मैं बिल्कुल ठीक हूं। अभी इस ऑपरेशन को तीन चार दिन ओर लगेंगे। अब उसके बाद ही आपसे बात हो पाएगी। अभी फोन रखता हूं। मेरी यह बात घर में सभी लोगों को भी बता देना।

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    यह अंतिम शब्द थे जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी मुठभेड़ में बलिदान हुए उपमंडल झंडूता के तहत ग्राम पंचायत गंगलोह के थेह गांव के बलदेव चंद के।

    सेना से रिटायर पिता को सता रही थी चिंता

    58 आर्म्ड राष्ट्रीय राइफल के दफादार (लास नायक के समकक्ष) पद पर तैनात बलदेव चंद के पिता विशन दास स्वयं सेना में हवलदार पद से सेवानिवृत हुए हैं। ऐसे में बेटे के ऑपरेशन की बात सुनकर थोड़े चिंतित तो थे, लेकिन उन्होंने परिवार का हौसला बनाए रखा और खुद भी बेटे के फोन का इंतजार कर रहे थे। उन्हें क्या पता था कि वह अपने जिस बेटे के फोन का इंतजार कर रहे हैं, उसके बलिदान होने की खबर भी सुननी पड़ सकती है।

    बातें करते रहने वाले विशन दास मौन

    शनिवार दोपहर को जैसे ही बलदेव चंद के बलिदान होने की काल उन्हें आई तो उसके बाद से अकसर घर पड़ोस में बातें करते रहने वाले विशन दास मौन से हो गए हैं। हालांकि वह खुद परिवार को ढांढस बंधवाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पिता की मनोदशा को खुद वही जानते हैं कि कैसे उन्होंने खुद को संभाला है।

    छह साल के बेटे से सिर से उठा पिता का साया

    बलदेव चंद वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और 2016 में उनका विवाह हुआ था। उनका छह वर्ष को बेटा इशान ठाकुर भी है। जून-जुलाई माह में बलदेव के छोटे भाई दिनेश को बेटा हुआ था।

    इस पर घर वालों ने एक कार्यक्रम रखा था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बलदेव जुलाई माह में छुट्टी आया था और तीन अगस्त को डयूटी पर वापस गया था। बलिदानी बलदेव चंद के परिवार में अधिकतर लोग सेना से हैं। पिता विशन दास के अलावा उनके ताया व चाचा भी पूर्व सैनिक हैं।

    बलदेव चंद थे साहसी सैनिक 

    बलदेव चंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही उनके पैतृक गांव और आसपास के क्षेत्रों में शोक पसर गया है। ग्रामीणों की आंखें नम हैं, लेकिन साथ ही उनके बलिदान पर गर्व भी है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बलदेव चन्द एक साहसी सैनिक थे, जिन्होंने देशसेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया था।

    सुबह जम्मू कश्मीर से लाई जाएगी पार्थिव देह

    पंचायत प्रधान कमल चौहान ने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा गांव बलिदानी के परिवार के साथ खड़ा है। रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे चंडी मंदिर जम्मू कश्मीर से बलिदानी की पार्थिव देह लाई जाएगी। सेना की ओर से उन्हें सूचना दी गई है कि दोपहर बाद तक पार्थिव देह घर पहुंच जाएगी।

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    सीएम सुक्खू ने जताया शोक

    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने भी हिमाचल के जवान के बलिदान पर शोक जताया है। 

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