Himachal News: फॉल आर्मीवर्म के हमले से खतरे में मक्की की फसल, विशेषज्ञों ने बताया किस तरह बचाव करें किसान
Fall Armyworm Attack हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में फाल आर्मी वर्म कीट ने मक्की की फसल पर हमला किया है जिससे 10% फसल बर्बाद हो गई है। घुमारवीं और झंडूता क्षेत्र में इसका प्रकोप देखा गया है। कृषि विभाग ने किसानों को नीम आधारित कीटनाशक या कोराजन का छिड़काव करने की सलाह दी है और प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए टीमें भेजी हैं

संवाद सहयोगी, बिलासपुर। Fall Armyworm Attack, हिमाचल प्रदेश के किसानों की मक्की की फसल खतरे में है। फाल आर्मी वर्म ने किसानों की मक्की की फसल पर हमला कर दिया है। बिलासपुर जिला में इस कारण मक्की की फसल 10 प्रतिशत तबाह हो गई है। अगर शीघ्र ही इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में यह नुकसान और अधिक बढ़ सकता है। बिलासपुर जिला के घुमारवीं और झंडूता क्षेत्र में फाल आर्मी वर्म का हमला देखा जा रहा है।
बिलासपुर जिला में इस वर्ष लगभग 24 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है। बीते पांच वर्षों से यह कीट मक्की की फसल को व्यापक रूप से क्षति पहुंचा रहा है। फाल आर्मी कीट की सुंडी अवस्था विशेष रूप से मक्की की पतियों, पत्ती गोभ और तने को नुकसान पहुंचाकर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देती है।
पत्तों में पहले छोटे छिद्र बनते हैं
प्रारंभिक अवस्था में यह पत्तों पर सुई की नोक जैसे छोटे छिद्र बनाती है, जो बाद में अनियमित आकार के बड़े सुराखों में बदल जाते हैं। कई बार सुंडियां गोभ के अंदर छिपकर फसल को अंदर से नष्ट करती हैं और तने को खोखला कर देती हैं, जिससे पौधा मर सकता है।
कैसे करें फसल का बचाव
विशेषज्ञों की मानें तो फाल आर्मी वर्म का प्रकोप 10 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में नीम आधारित कीटनाशक पांच मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा कीटग्रस्त पौधों को खेत से निकालकर गड्ढे में दबाकर नष्ट करें। प्रकोप 10 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में कोराजन नामक कीटनाशक (क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 एससी) का 6 मिलीलीटर प्रति 15 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
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बिलासपुर जिला के घुमारवीं और झंडूता में फाल आर्मी वर्म के हमले की सूचना मिली है। बिलासपुर जिला में करीब दस प्रतिशत नुकसान पहुंचा है। किसानों को चाहिए कि वह दवा का छिड़काव करें, ताकि इसके हमले को रोका जा सके। इसके साथ ही टीमों को संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण करने क निर्देश भी दिए हैं, ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके।
-प्रेम चंद ठाकुर, उपनिदेशक, कृषि विभाग, बिलासपुर।
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