हिमाचल में संजौली मस्जिद के बाद अब नया विवाद, रातों-रात मजार बनाने का दावा; हिंदू संगठनों ने की जांच की मांग
हिमाचल प्रदेश (Himachal Mazar Controversy) के बिलासपुर (Bilaspur Mazar Controversy) के सांडू मैदान में मजार को लेकर विवाद हो रहा है। हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे। देवभूमि क्षत्रिय संगठन सवर्ण मोर्चा के पदाधिकारी तोड़फोड़ करने की बात करने लगे लेकिन पुलिस ने मौके पर बात कर मामला शांत कर दिया। हिंदू रक्षा मंच इसकी आधिकारिक एवं कानूनी जांच करने की बात कर रहा है।

जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल (Himachal News) के बिलासपुर शहर (Bilaspur Mazar Controversy) के सांडू मैदान में मजार को लेकर सोमवार को विवाद हो गया। इंटरनेट मीडिया पर इस संबंध में वीडियो प्रसारित होने के बाद हिंदू संगठन मौके पर पहुंच गए।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन सवर्ण मोर्चा के पदाधिकारी तोड़फोड़ करने की बात करने लगे, लेकिन पुलिस ने मौके पर बात कर मामला शांत कर दिया और सवर्ण मोर्चा के लोगों के स्वर भी बदल गए हैं। लेकिन हिंदू रक्षा मंच इसकी आधिकारिक एवं कानूनी जांच करने की बात कर रहा है।
रातों-रात मजार बनाने का दावा
हिंदू रक्षा मंच का दावा है कि यहां मजार नहीं थी व कुछ साल पहले बीबीएमबी की भूमि पर यह अवैध ढांचा बनाया गया है। मजार के आसपास पुराने मंदिर भी हैं, जो गोबिंदसागर झील में डूब गए हैं। इन दिनों जलस्तर कम होने पर मंदिर सामने आ गए हैं।
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मंडी जिला के सुंदरनगर के युवक ने गत दिवस सांडू मैदान में रातों-रात मजार बनाने का दावा करते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
हिंदू संगठनों ने उठाई मजार की जांच की मांग
वीडियो देखकर सोमवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन सवर्ण मोर्चा टीम एवं राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के संस्थापक सदस्य रुमित सिंह ठाकुर की अगुवाई में पहुंचे। पुलिस ने इन्हें शांत करवाकर मौके से भेज दिया।
स्थानीय लोगों की ओर से दावा किया गया है कि यह मजार (Himachal Mazar Controversy) वर्षों पुरानी है, जो हर वर्ष गोबिंदसागर झील में पानी भरने के कारण अन्य प्राचीन मंदिरों की तरह जलमग्न हो जाती है। इस दावे के बाद उक्त हिंदू संगठन के लोग पीछे हट गए। लेकिन हिंदू रक्षा मंच इस मामले में पूरी जांच व कार्रवाई पर अड़ गया है।
2022 में भी विवादों में घिरी थी मजार
सांडू मैदान स्थित इस मजार को लेकर पहली बार विवाद नहीं हुआ है। इससे पहले वर्ष 2022 के दौरान भी इस मजार पर निर्माण कार्य को लेकर विवाद हुआ था और कुछ लोगों ने मजार में तोड़फोड़ करते हुए ढांचा गिराया था। इसको लेकर सदर थाना बिलासपुर में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
यह बात सभी को पता है कि सांडू मैदान में मजार पुरानी है। यहां कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा था, हल्का मरम्मत कार्य किया जा रहा था। मरम्मत कार्य को देखकर ही यह वीडियो बनाया गया था। -हारून मोहम्मद, जिला अध्यक्ष, हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन बिलासपुर।
मजार के मामले को शांत करवा दिया है। बताया जा रहा है कि यह काफी वर्ष पुरानी है। इसे एक रात में तैयार नहीं किया गया है। -संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर।
यह बात सही है कि बांध बनने से पूर्व सांडू में मजार थी, लेकिन जिस स्थान पर ढांचा बनाया गया है, वहां पर नहीं थी। इन लोगों ने गलत जगह मजार बनाई है। इसको लेकर जांच की जाएगी कि असल में मजार कहां थी। यह क्षेत्र बीबीएमबी के अधीन आता है, उनसे बात कर दस्तावेज देखे जाएंगे। अगर गलत पाई गई तो आंदोलन से लेकर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। -प्रीतम, प्रांत संपर्क प्रमुख हिंदू रक्षा मंच।
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