सुहागरात को क्यों खिलाया जाता है पान ?
आखिर सुहागरात में पान क्यों खिलाया जाता है? इसे लेकर लोगों में कारण जानने की उत्सुकता बनी रहती है। आइये बताते हैं आखिर क्या है ये खास कारण-
प्राचीन काल में घर-घर में पान खाने का प्रचलन था। समय के साथ-साथ पान के शौकीनों की संख्या तो कम हुई है लेकिन आजकल भी विशेष मौकों पर पान खाने का प्रचलन है। इनमें से ही एक ऐसा ही खास मौका है सुहागरात। आखिर सुहागरात में पान क्यों खिलाया जाता है? इसे लेकर लोगों में कारण जानने की उत्सुकता बनी रहती है। आइये बताते हैं आखिर क्या है ये खास कारण-
1. पान कामेच्छा को बढ़ाता है। यही कारण है कि नव विवाहित जोड़ों के वैवाहिक जीवन की शुरुआत पान खिलाकर की जाती है।
2. पान आयुर्वेदिक औषधि के साथ-साथ एक उत्तम माउथफे्रशनर भी है। जिन लोगों के मुंह से दुर्गन्ध आती है उन्हें पान चबाना चाहिये। लौंग, इलायची, सौंफ, मिश्री, नारियल, युक्त पान मुंह केबैक्टीरिया मारकर माउथ फ्रेशनर का काम करता है।
3. पान चबाने से कभी मुंह का कैंसर भी नही होता, लेकिन याद रहे कि पान में तंबाकू न डाला जाये।
4. आयुर्वेद के अनुसार पान के पत्ते में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जिनसे मस्सों तक का इलाज संभव है। इसलिए मस्सों से संबंधित बहुत सी आयुर्वेदिक दवाओं में पान का इस्तेमाल किया जाता है।
5. पान का पत्ता फोड़े-फुंसियों को भी छू-मंतर कर सकता है। बस पान के पत्ते पर थोड़ा सा अरंडी का तेल लगाएं और पत्ते को हलकी सा आंच में सेक लें। इससे पत्ता नरम हो जाएगा। अब इस गुनगुने पत्ते को फोड़े के ऊपर लपेट दें। कुछ ही घंटों में फोड़ा पक जाएगा और आप उसका पस निकाल सकते हैं।
6. डायबिटीज के रोगियों के लिये भी पान किसी अमृत से कम नही है इसमें ब्लड शुगर से लडऩे वाली और एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती हैं।
7. पान खांसी को ठीक कर, फेफड़ों में जमा बलगम निकाल देता है। खांसी होने पर पान के पत्ते का रस शहद के साथ चाट लीजिए, इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से आराम मिलेगा।
8. सिरदर्द से निजात पाने के लिये भी पान का सेवन किया जाता है। पान में दर्दनिवारक गुण भी होते हैं। चोट लगने पर घाव पर पान के पत्ते का रस लगाएं। घाव बड़ा है तो रस लगाकर पट्टी कर दें। छोटा-मोटा घाव तो दो दिन भर जाएगा।

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