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    खतरे में 14 माह के मासूम की जान: ₹9 करोड़ का इंजेक्शन चाहिए, पिता ने सोशल मीडिया पर मांगी मदद

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 11:35 AM (IST)

    14 महीने के एक बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) नामक एक गंभीर बीमारी का पता चला है। इस बीमारी के इलाज के लिए 9 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की आवश्यकता है। बच्चे का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और इलाज के लिए लोगों से मदद मांग रहा है। SMA एक गंभीीर बीमारी है जो मांसपेशियों को कमजोर करती है।

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    विनायक का इलाज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किया जा रहा है।

    जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर)। क्षेत्र के करजी गांव निवासी आलोक कुमार द्विवेदी का 14 माह का पुत्र विनायक द्विवेदी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी के कारण बालक की मांसपेशियों में कमजोरी आ गई है, जिससे उसकी सामान्य गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है। विनायक का इलाज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किया जा रहा है।

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    बालक के स्वास्थ्य में सुधार के लिए 9 करोड़ रुपये की लागत का एक विशेष इंजेक्शन लगाना आवश्यक है। इस भारी भरकम राशि की व्यवस्था करने में असमर्थ आलोक कुमार ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है। उन्होंने अपने पुत्र की तस्वीरें और चिकित्सकों द्वारा दिए गए इलाज का अनुमान साझा करते हुए लोगों से सहयोग की अपील की है। अब तक उन्हें 8.12 लाख रुपये की सहायता राशि प्राप्त हो चुकी है, लेकिन यह राशि आवश्यक राशि के मुकाबले बहुत कम है।

    मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विनायक के इलाज में मदद करने की अपील की है। विधायक ने कहा कि इस गंभीर स्थिति में सभी को मिलकर बालक की सहायता करनी चाहिए।

    विनायक के पिता आलोक कुमार ने बताया कि उन्हें अपने बेटे के जल्द स्वस्थ होने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग से वे अपने बेटे का इलाज करवा सकेंगे। आलोक ने कहा, "मैं अपने बेटे के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूँ और मुझे विश्वास है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा।"

    इस प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के लिए समाज में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे मामलों में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होती है ताकि जरूरतमंद परिवारों को समय पर सहायता मिल सके।

    विनायक की स्थिति ने क्षेत्र के लोगों को एकजुट किया है और कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि समाज में अभी भी मानवता और सहयोग की भावना जीवित है।

    स्‍थानीय लोगों ने आशा जताई है कि विनायक को जल्द ही आवश्यक सहायता मिलेगी और वह स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सकेगा। समाज के सभी वर्गों से अपील भी पर‍िजनों और संगठनों की ओर से की जा रही है कि वे इस नेक कार्य में सहयोग करें और विनायक के इलाज में मदद करें।