Yamunanagar: सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी से करें ब्लूटूथ का इस्तेमाल, साइबर ठगी का हो सकते हैं शिकार
आज के दौर में सब काम आनलाइन ही हो रहा है। ऐसे में साइबर ठग भी होना निश्चित है। सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ का इस्तेमाल सावधानी से करें। हालांकि जिला पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। साइबर ठगी होने पर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर काल करें।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डिजिटल क्रांति के इस युग में अब अधिकतर काम आनलाइन हो रहा है। ऐसे में साइबर ठग भी सक्रिय हैं। वह नए-नए तरीकों से साइबर ठगी कर रहे हैं। साइबर ठग ब्लूटूथ के जरिए मोबाइल को हैक कर रहे हैं। जिससे वह डाटा चोरी कर लेते हैं और लोगों के खाते से रकम उड़ाते हैं। इससे बचाव के लिए जिला पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। जिससे आमजन सतर्क व सचेत रहकर अपने पैसे की सुरक्षा कर सके।
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एसपी मोहित हांडा ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाइल या लैपटाप व अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते हैं। साइबर ठग अपने मोबाइल फोन को हमारी ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट करके अकाउंट में सेंध लगा सकते है।
कैसे होता है यह ठग
यह साइबर ठग भीड भाड वाले स्थानों पर जाकर अपने मोबाइल फोन से अन्य व्यक्ति के मोबाइल फोन पर ब्लूटूथ कनेक्ट की रिक्वेस्ट सेंड करते हैं। जैसे ही किसी मोबाइल फोन के ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होते है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते हैं। इस प्रकार उसका सारा अकाउंट खाली कर देते हैं। ऐसे अपराधों से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि किसी अंजान डिवाइस से आने वाली ब्लूटूथ कनेक्ट रिकवेस्ट स्वीकार न करें।
साइबर ठगी होने पर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर करें काल
यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाती है तो वह घबराएं नहीं। तुरंत साइबर धोखाधड़ी होने पर साइबर हेल्प डेस्क नंबर 1930 पर शिकायत करें। इसके साथ ही अपने बैंक व नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दें। अक्सर देखने में आता है कि पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है। हडबडाहट में वह पूरी जानकारी नहीं देता और फोन काट देता है।
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ऐसे में शिकायत अधूरी रह जाती है। इसलिए 1930 पर काल कर पीडित का नाम, मोबाइल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वालेट मर्चेंट, यूपीआइ आइडी जिससे राशि डेबिट की गई है, धोखाधड़ी कैसे हुई इसका संक्षिप्त विवरण का पता होना चाहिए। जिससे शिकायत दर्ज हो सके। पूरी जानकारी मिलने पर ठगी की रकम ब्लाक करने में आसानी रहती है।
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