Yamunanagar News: ट्विन सिटी में फैक्टरियों से निकल रहा जहरीला धुआं, विभाग नहीं ले रहा सुध
हरियाणा स्थित ट्विन सिटी में फैक्टरियों से जहरीला धुआं निकल रहा है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं। शहर की अधिकांश गली मुहल्लो ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, जगाधरीः ट्विन सिटी में फैक्टरियों की चिमनियां जहरीला व काला धुआं उगल रही हैं। गत वर्ष प्रदूषण के मामले में यमुनानगर का विश्व में 26वां स्थान आया था। इसके बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सुध नहीं ली। आलम यह है कि सुबह के समय शहर के ऊपर धुएं की काली परत देखी जा सकती है। जो दिन चढऩे के साथ-साथ लोगों के घरों, छतों व अन्य जगहों पर बिछ जाती है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु में पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तथा पीएम 10 की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर निर्धारित किया है। यमुनानगर में शुक्रवार को पीएम 2.5 का आंकड़ा औसतन 332 व पीएम 10 का आंकड़ा 213 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया जाता है। इससे खुद-ब-खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयानक है। फैक्टरियों से निकलने वाले जहरीले व काले धुएं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कतें शहर वासियों को उठानी पड़ रही है।
शहर की अधिकांश गली मोहल्लों में छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को जाल बिछा हुआ है। बहुत सारी इकाइयां तो ऐसे हैं, जिनके बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भनक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी फैक्टरी संचालकों ने संयंत्र लगाए हुए हैं। सुबह के समय फैक्टरियों को काला व जहरीला धुआं उगलते देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि संयंत्र कागजों में ही लगे हैं। हकीकत कोसों दूर है।
सिस्टम का फायदा उठा रहे फैक्ट्री संचालक
पंचायत भवन परिसर स्थित आनलाइन कंटिन्यूअस एयर क्वलिटी मोनिटरिंग स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर के दायरे में ही प्रदूषण की जांच करता है। इसके बारे में फैक्टरी संचालक भलीभांति जानते हैं। सिस्टम की जद से बाहरी क्षेत्र में बेखौफ प्रदूषण हो रहा है।
मौत का सबब बन रही हवा
पर्यावरणविद् डा. अजय का कहना है कि फैक्टरियों से निकलने वाले जहरीले धुएं की वजह से जीवनदायिनी हवा, अब मौत का सबब बन रही है। इनमें पीएम 2.5 कणों की मात्रा ज्यादा होती है। ये इतने महिम कण होते हैं कि सांस के जरिए सीधा फेफड़ों व शरीर के दूसरे अंगों पर प्रहार करते हैं। लोग कैंसर, दमा सहित अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
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सभी फैक्टरी संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण करने की हिदायत दी गई है। जिस समय फैक्टरियों का बायलर चलाया जाता है, उस समय अत्यधिक मात्रा में काला धुआं निकलता है। -नितिन मेहता, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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