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    दो साल पहले जिस थर्मल प्लांट को झारखंड में लगाने की बनी थी योजना, PM मोदी ने उसका हरियाणा में किया शिलान्यास

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 06:03 PM (IST)

    Yamunanagar Power Plant दो साल पहले झारखंड में स्थापित होने वाली 800 मेगावाट की थर्मल प्लांट परियोजना का शिलान्यास पीएम मोदी (PM Modi) ने यमुनानगर में किया। यह यूनिट दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में स्थापित होगी। इस यूनिट के लगने से यमुनानगर बिजली उत्पादन में प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला बन जाएगा। यह प्लांट मेक इन इंडिया की तर्ज पर बनेगा।

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    यमुनानगर में थर्मल पावर प्लांट के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी व अन्य

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। दो वर्ष पहले जिस 800 मेगावाट की क्षमता के जिस थर्मल पावर प्लांट को झारखंड में स्थापित किए जाने की बिसात बिछ गई थी, सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने उसका शिलान्यास किया। यह यह इकाई अब दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में स्थापित होगी।

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    प्रधानमंत्री की ओर से ही इस इकाई को झारखंड के पिटहेड़ा में शिफ्ट किए जाने के आदेश जारी किए थे। उसके बाद यह राजनीतिक मुद्दा बन गया। विपक्षी दलों ने इसे खूब भूनाया। हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इस संदर्भ में केंद्र सरकार से बात की। उनके हस्तक्षेप के बाद अधिकारियों ने इसकी डीपीआर तैयार की। प्रदेश सरकार की ओर से पीएम मोदी के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया।

    उत्पादन की दृष्टि से यमुनानगर बना दूसरा जिला

    दीनबंधु सर छाेटू राम थर्मल पावर प्लांट में अब 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। 300-300 मेगावाट की तीन इकाइयां पहले से चल रही हैं। 14 अप्रैल को 800 मेगावाट की तीसरी नई यूनिट के शिलान्यास को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।

    प्रदेश के सभी थर्मल पावर प्लांटों में झज्जर के बाद यमुनानगर बिजली उत्पादन करने वाला दूसरा जिला बन जाएगा। हालांकि पानीपत व हिसार में नई इकाइयां स्थापित करने की योजना है, लेकिन वह अभी प्रक्रिया में हैं।

    कहां कितना उत्पादन

    दीनबंधु सर छोटू राम थर्मल पावर प्लांट के अलावा प्रदेश में कोयला आधारित तीन और थर्मल पावर प्लांट हैं। पानीपत में यहां दो इकाइयां 250-250 व तीसरी इकाई 210 मेगावाट की है। हिसार में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां हैं। झज्जर में 500-500 मेगावाट की तीन यूनिट हैं।

    यमुनानगर में अब 800 मेगावाट की नई इकाई लगने के बाद उत्पादन 1400 मेगावाट हो जाएगा, क्योंकि 300-300 मेगावाट की दो इकाइयों से बिजली उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा जिले में करीब 40 मेगावाट पन बिजली इकाइयों से उत्पादन हो रहा है।

    प्रस्तावित परियोजनाओं की बात की जाए तो 800-800 मेगावाट की दो यूनिटें पानीपत व 800 की एक यूनिट हिसार में लगाए जाने की योजना है। यह अभी प्रक्रिया में है।

    मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी यूनिट

    नई यूनिट मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी। जिसके तहत प्लांट पूर्णरूप से स्वदेशी होगा। फिलहाल प्लांट में 300-300 मेगावाट की दो इकाइयां लगी हुई है। जिनमें चाइना से निर्मित मशीनों का उपयोग हो रहा है।

    सरकार ने जून 2024 में 800 मेगावाट की नई यूनिट के निर्माण का कार्य शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन चुनाव की वजह से आचार संहिता लगने व एनवायरमेंट क्लीरेंस न मिलने की वजह से काम अधर में ही लटक गया था। इस यूनिट को लगाने में करीब छह हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि 600 मेगावाट के प्लांट पर 2400 करोड़ रुपये की लागत आई थी।

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