पहाड़ों पर बारिश से सोम नदी में उफान, मेडिकल के तीन छात्र फंसे; छह घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला निकाला सुरक्षित
Yamunanagar News पहाड़ों पर बारिश होने से सोम नदी में उफान आ गया है। रविवार की रात मुलाना मेडिकल कालेज के तीन छात्र फंस गए। कंट्रोल रूम में तीन छात्रो ...और पढ़ें

यमुनानगर, जागरण संवाददाता: पहाड़ों पर वर्षा से सोम नदी में जल बहाव बढ़ गया। जिसमें रविवार की रात मुलाना मेडिकल कालेज के तीन छात्र फंस गए। कंट्रोल रूम में तीन छात्रों के फंसे होने की सूचना मिलते ही बिलासपुर थाना पुलिस हरकत में आई। एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स) की टीम के साथ पहुंची।
रात को अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू आपरेशन चलाने में दिक्कत हुई। पुलिस ने माइक का इंतजाम किया और आवाज लगाकर फंसे हुए छात्रों को किनारे पर बुलाया। जिसके बाद रस्सी डालकर तीनों छात्रों को रेस्क्यू किया गया। सोम नदी में लगभग 12 हजार क्यूसेक जल बहाव हो गया था।
बहाव तेज होने से फंसे छात्र
अंबाला के सुंदरनगर निवासी अनुग्रह, कैथल के गांव जडौला निवासी अभिषेक व दिल्ली के दिनारिका कालोनी निवासी उमंग जैन मुलाना मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। रविवार को छुट्टी होने पर तीनों दोस्त आदिबद्री में घूमने गए थे। आदिबद्री दर्शन के बाद तीनों माता मंत्रा देवी के मंदिर में चले गए। वहां से लौटते हुए उन्हें शाम हो गई। जब वह नीचे आए तो साेम नदी में अचानक पानी आ गया। जिससे तीनों छात्र फंस गए।

शिमला के कंट्रोल रूम में गई कॉल
तीनों छात्रों के मोबाइल में भी रेंज नहीं आ रही थी। जिससे तीनों परेशान थे। उन्होंने शोर भी मचाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था। इसी दौरान अनुग्रह के मोबाइल में रेंज आई। उसने कंट्रोल रूम का नंबर मिलाया लेकिन वह शिमला कंट्रोल रूम में जाकर मिला, क्योंकि यहां पर हिमाचल प्रदेश का एरिया भी लगता है। इसलिए वहां भी रेंज आ जाती है।
अनुग्रह ने कंट्रोल रूम में फोन कर दोस्तों सहित फंसे होने की जानकारी दी। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के कंट्रोल रूम से यहां यमुनानगर के कंट्रोल रूम में काल आई। बिलासपुर थाना पुलिस यह सूचना मिलते ही हरकत में आई। पहले रणजीतपुर चौकी इंचार्ज रमन ग्रामीणों के साथ पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। जब तक रेस्क्यू शुरू किया जाता। अंधेरा हो चुका था। कुछ नजर नहीं आ रहा था।

छह घंटे तक चला रेस्क्यू
बिलासपुर थाना प्रभारी जगदीश चंद्र भी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू आपरेशन चलाने में दिक्कत आ रही थी। थाना प्रभारी जगदीश चंद्र ने बताया कि जब कोई नजर नहीं आया तो माइक की व्यवस्था की गई। जिससे आवाज लगाकर तीनों छात्रों को किनारे आने के लिए कहा गया।
जब यह किनारे पर आ गए तो फिर रस्सी डाली गई। जिसके सहारे तीनों छात्रों को रेस्क्यू किया गया। शाम आठ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। जिसके बाद ही तीनों सकुशल निकाले गए। रात को इन छात्रों को थाना परिसर में ही रखा गया। वहीं पर खाना खिलाया। सुबह इन्हें यहां से रवाना किया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।