कहां है कलेसर नेशनल पार्क? अक्टूबर से शुरू होगी दुबई जैसी जंगल सफारी, दिल्ली से केवल 200 किमी दूर है ये जगह
यमुनानगर के कलेसर नेशनल पार्क में पर्यटकों की चहल-पहल फिर से शुरू होगी। जुलाई से बंद जंगल सफारी 1 अक्टूबर से फिर शुरू हो जाएगी। पर्यटक हाथी तेंदुआ हिरण सांभर जैसे वन्य प्राणियों को देख सकेंगे। कलेसर नेशनल पार्क 11570 एकड़ में फैला है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। जंगल सफारी पर्यटकों को रोमांच प्रदान करती है और वन्य प्राणी विभाग के लिए राजस्व जुटाती है।

दीपक प्रजापति, यमुनानगर। कलेसर नेशनल पार्क में फिर से पर्यटकों की चहल-पहल नजर आएगी। पर्यटक हाथी, तेंदुआ, हिरण, सांभर समेत अन्य वन्य प्राणियों को देख सकेंगे। अक्टूबर के बाद प्रवासी पक्षियों का भी हथनीकुंड बैराज पर पहुंचना शुरू हो जाएगा।
ऐसे में यह दृश्य पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षिक करने में और भी ज्यादा कारगर साबित होगा। वन्य प्राणी विभाग ने मानसून के मौसम और जंगल के रास्तों की खराब स्थिति को देखते हुए जुलाई से पार्क में जंगल सफारी को बंद कर दिया था।
बता दें कि पार्क की जंगल सफारी हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पर्यटकों के बीच खासी लोकप्रिय है। 16 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर खुली जिप्सी में प्रकृति की गोद में वन्य जीवों को करीब से देखने का अनुभव हर किसी को रोमांचित करता है। चीता, तेंदुआ, हाथी, हिरण, जंगली सूअर, लोमड़ी और जहरीले सांप जैसे जीव-जंतु इस सफारी को और आकर्षक बनाते हैं।
कलेसर नेशनल पार्क की खासियत
11570 एकड़ में फैला कलेसर नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। ये पार्क हिमाचल प्रदेश के सिंबलबारा और उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ है। जिस कारण अक्सर हिमाचल और उत्तराखंड से हाथी, तेंदुए और चीते कलेसर के जंगलों में विचरण करते दिख जाते हैं।
हाथियों के झुंड तो हमेशा ही जगाधरी-पावंटा साहिब नेशनल हाइवे पर लोगों को नजर आते हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से निकलकर हाथियों का एक बड़ा दल कई दिनों तक कलेसर नेशनल पार्क में पहुंचा था। नेशनल पार्क में लगे ट्रैप कैमरों में उनकी गतिविधियां भी कैद हुई थी।
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दुबई मॉडल पर आधारित सफारी कलेसर नेशनल पार्क की जंगल सफारी को दुबई के मॉडल पर विकसित किया है, पर्यटकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलती है ये सफारी ना केवल रोमांच प्रदान करती है, बल्कि वन्य प्राणी विभाग के लिए अच्छा-खासा राजस्व भी जुटाती है। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व का भी लाभ होता है।
जंगल सफारी एक अक्टूबर से फिर से शुरू होगी। पर्यटकों को जंगल सफारी के शुरू होने से काफी लाभ मिलेगा। पिछले तीन माह से सफरी बंद पड़ी थी जिस कारण पर्यटकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा था। अब फिर से सफारी शुरू होते ही पार्क के अंदर सफारी के शौकीनों को राहत मिलेगी।
लीलूराम, वन्य जीव प्राणी निरीक्षक, कलेसर नेशनल पार्क
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