Haryana news: कलेसर में नहीं आता कोहरा, हर रोज खिलती धूप
बढ़ती ठंड ने जहां पूरे देश की परेशानियां बढ़ा रखी है वहीं यमुनानगर के गांव कलेसर में कभी कोहरा ही नहीं पड़ता। कलेसर को प्रकृति का वरदान मिला हुआ है। यहां हमेशा धूप खिलती है। कलेसर गांव की आबादी करीब चार हजार है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : धुंध व कोहरा ने प्रदेश में डेरा डाल रखा है। लेकिन शिवालिक की पहाड़ियों से घिरा जिला यमुनानगर के गांव कलेसर की कहानी ही अलग है। यहां कभी कोहरा ही नहीं पड़ता। है न हैरान करने वाली बात? लेकिन सौ टका सच। यहां हमेशा दिन के साथ चटक धूप खिलती है। दूर-दूर तक कोहरे से वास्ता नहीं। धूप देखकर ठंड में भी ग्रामीणों के चेहरे खिल जाते हैं। दोपहर के बाद ठंडी हवा जरूर चलती है।
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गर्मी के मौसम में भी गांव में गर्मी कम होती है। इस सच को कृषि विज्ञान केंद्र दामला के मौसम विशेषज्ञ डा. अजीत सिंह कुछ इस तरह बयां करते हैं। वह बताते हैं कि गांव कलेसर शिवालिक पहाड़ी की आड़ में बसा है, जिस कारण यहां पर कोहरे वाली पश्चिम की हवा नहीं पहुंच पाती। हिमालय की तरफ से ठंडी हवा आती है। इसे देसी भाषा में ढांढू कहा जाता है। ये ठंडी हवा गांव में कोहरे को नहीं आने देती। बता दें कि जगाधरी पावंटा साहिब नेशनल हाईवे पर स्थित यमुनानगर का सीमांत गांव कलेसर हरियाली के साथ खूबसूरती समेटे हुए है।
गांव सीमा शुरू होते ही हटने लगती है कोहरे की चादर
प्रकृति का यह वरदान भी किसी तोहफे से कम नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जब गांव कलेसर में जाते हैं तो गांव सीमा शुरू होते ही कोहरे की घनी चादर हटने लगती हैं। जैसे ही गांव पहुंचते हैं तो कोहरा साफ हो जाता है। कलेसर पंचायत की आबादी चार हजार से अधिक हैं। गांव कलेसर के पास नेशनल हाईवे पर बने रेस्टोरेंट पर धूप देखकर पर्यटक रुकते हैं। उनका कहना है कि प्रदेश में कोहरा व शीत लहर के चलते यहां पर धूप मिलना अच्छी बात है।
सुबह धूप खिलती है दोपहर के बाद ठंडी हवा
कलेसर के निवासी आनंद चौधरी, बलवीर चौधरी, प्रमोद, संजय, रोशन, गुलशेर का कहना है कि गांव में कोहरा नहीं आता। दोपहर बाद ठंडी हवा जरूर चलती है। हिमालय की ओर से आने वाली हवा कोहरा नहीं आने देती हैं। लू व कोहरा पश्चिमी की ओर से चलने वाली हवा के कारण आता है। कलेसर गांव पहाड़ों से घिरा होने के कारण यहां पश्चिम की हवा नहीं पहुंच पाती।
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