'स्वामी विवेकानंद नेदिया नर सेवा, नारायण सेवा का नारा'
जागरण संवाद केंद्र, जगाधरी : स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व को समाजसेवा का महत्व बताया। 'नर सेवा, नारायण सेवा' का नारा जन-जन तक पहुंचाया। यह बात मा. सूरत सिंह ने कही। वह मंगलवार को साबापुर गांव में आयोजित शार्धशती कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इसकी अध्यक्षता संयोजक कर्णसिंह ने की। विवेकानंद की मूर्ति को पुष्प अर्पित किए।
सूरत सिंह ने कहा कि विवेकानंद भारतीय संस्कृति के पक्के समर्थक थे। उन्होंने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति को पहचान दिलाई। वर्तमान समय में समाज में फैली बुराइयों व अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में स्वामीजी के विचार अति महत्वपूर्ण है।
विनोद कुमार ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही स्वामी के आदर्शो के बारे में बताना चाहिए, ताकि भविष्य में वह आदर्श व जिम्मेदार नागरिक बन सके और देश के विकास में भागीदार बन सके। स्वामी ने शिकागो में हुए धर्म सम्मेलन में पूरी दुनिया में भारतीय दर्शन की छाप छोड़ी। देश में समाजिक बुराइयों का स्वामी ने पुरजोर विरोध किया। उनके प्रयासों से महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए कई कानून बनाए गए।
इस मौके पर मा. कर्ण सिंह, प्रो. राजेश, अनुज, तरूण, विशाल, सज्जन, विजय सिंह आर्य आदि उपस्थित थे।
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