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    सोनीपत एक्सप्रेसवे हादसा: घिलौड़ गांव में छाया मातम, एक ही चिता पर किया चारों दोस्तों के शवों का दाह संस्कार

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 08:32 PM (IST)

    सोनीपत एक्सप्रेसवे पर हुए एक दुखद हादसे में घिलौड़ गांव के चार दोस्तों की मौत हो गई। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है और मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वालों ने चारों दोस्तों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया। हादसे के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, सोनीपत/रोहतक। जिले के गांव घिलौड़ में रविवार को दर्द और मातम का ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने हर किसी को झकझोर दिया। गांव के चार जिगरी दोस्तों की एक साथ चिताएं जलीं, तो हर आंख नम हो उठी। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं समेत सैकड़ों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे, लेकिन कोई भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया। गांव में इतने बड़े हादसे की सूचना के बाद से रविवार को भी चूल्हा नहीं जल पाया है। शनिवार देर रात सोनीपत जिले में दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे पर हुए भयानक सड़क हादसे में इन चारों की मौत हो गई थी।

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    गलियों में पसरा सन्नाटा

    घिलौड़ गांव की गलियों में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। जिन गलियों में कल तक चारों दोस्तों की हंसी गूंजती थी, आज वहीं सिसकियां सुनाई दे रही थीं। लोग इसे साल का सबसे दर्दनाक हादसा बता रहे हैं। पूरे गांव ने एक साथ चार जवान बेटों को खो दिया। चार घर उजड़ गए, चार माताएं बेसहारा हो गईं और एक नन्हे बच्चे ने बिना पिता के जीवन की शुरुआत की। गांव के बुजुर्गों ने नम आंखों से कहा कि घिलौड़ के चार चिराग एक साथ बुझ गए, ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं था।

    शवों का एक साथ दाह संस्कार किया गया

    हादसा गोहाना के समीप गांव रूखी के टोल टैक्स के पास हुआ, जब तेज रफ्तार कार अचानक बेकाबू होकर सड़क किनारे खड़े रोड रोलर से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। मौके पर ही एक युवक की मौत हो गई, जबकि तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान सोमवीर उर्फ मोनू, दीपांकर उर्फ बबलू, अंकित और लोकेश के रूप में हुई है। सभी की उम्र 25 से 26 वर्ष के बीच थी। रविवार सुबह सिविल अस्पताल में चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे गांव में एक ही चिता में चारों दोस्तों के शवों का एक साथ दाह संस्कार किया गया।

    सपने रह गए अधूरे

    हादसे में मारे गए सोमवीर, कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष डाॅ. बलवान रंगा के बड़े बेटे थे। वह शादीशुदा थे और ढाई महीने पहले ही उनके घर बेटे का जन्म हुआ था। सोमवीर ने एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर अपने पिता की इंटरलाॅक टाइल फैक्ट्री की देखरेख संभाली हुई थी। वहीं, अंकित पूर्व सैनिक कपूर का बेटा था, जो कुछ समय तक मनरेगा विभाग में कार्यरत रहा था।

    लोकेश ग्रामीण ओमप्रकाश का बेटा था, जबकि दीपांकर उर्फ बबलू के पिता किसान हैं। कांग्रेस शहरी जिला अध्यक्ष कुलदीप केडी ने बताया कि चारों युवक शनिवार को बिजनेस मीटिंग के सिलसिले में निकले थे और वापसी में यह दर्दनाक हादसा हुआ। कार सोमवीर चला रहा था, जिसने कुछ महीने पहले ही नई कार खरीदी थी। वहीं कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि यह हादसा काफी ह्रदयविदारक है। सभी शोक संतप्त परिवारों की इस दुख की घड़ी मेें साथ हैं।

    ...लेकिन अब कभी नहीं लौटेंगे

    गांव में चारों के घरों में कोहराम मचा हुआ है। कोई मां अपने जवान बेटे के बिछुड़ने पर बिलख रही है, तो किसी पत्नी की गोद सूनी हो गई है। सोमवीर की पत्नी बार-बार अपने ढाई महीने के बेटे को देख फफक पड़ती है। दीपांकर के चाचा मास्टर सुरेश ने रोते हुए बताया कि चारों शाम को घर से निकले थे, बोले थे थोड़ी देर में लौट आएंगे...लेकिन अब कभी नहीं लौटेंगे।

    गांव के लोगों ने प्रशासन से इस हादसे की निष्पक्ष जांच और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर लापरवाही से खड़े भारी वाहनों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

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