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    इस बार अप्रैल में भीषण गर्मी तोड़ सकती है 10 साल का रिकॉर्ड, गेहूं की फसल को नुकसान

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 05:49 PM (IST)

    इस बार गर्मी ने पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अप्रैल में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है और मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में इसके 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई है। इस भीषण गर्मी का असर गेहूं की फसल पर भी पड़ा है। समय से पहले पकने के कारण गेहूं का दाना अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाया है।

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    इस बार अप्रैल में टूट सकता है गर्मी का 10 साल का रिकॉर्ड। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। गर्मी ने इस बार जिस तरह के तेवर दिखाए हैं उससे अप्रैल में 10 साल का रिकॉर्ड टूट सकता है। मार्च में भी तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहा और अप्रैल की शुरुआत भी इसी तरह से हुई। अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान 36 डिग्री दर्ज किया गया था और दूसरे सप्ताह में 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।

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    मौसम विभाग ने अगले पांच-छह दिन में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार करने की संभावना जताई है। अप्रैल के अंत तक तापमान 43 डिग्री को पार कर सकता है। पिछलेे 10 साल में अप्रैल में 2019 व 2022 में सर्वाधिक 43 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। इस बार मौसम के हालात को देखते हुए यह रिकार्ड टूट सकता है। इस बार सामान्य से अधिक तापमान रहने से गेहूं की फसल जल्दी पक गई, जिसका औसत उत्पादन पर भी असर नजर आ रहा है। पेश है परमजीत सिंह की रिपोर्ट :

    अप्रैल 2015 में अधिकतम तापमान था 40 डिग्री सेल्सियस

    अप्रैल में तापमान

    वर्ष -- -दिन का तापमान---बढ़ोतरी-घटोत्तरी (% में)

    • 2016 -- -42 -- -- 5 % बढ़ा
    • 2017 -- -- 42 -- -5 % बढ़ा
    • 2018 -- -- 41 -- -2.5 % बढ़ा
    • 2019 -- -- 43 -- -7 % बढ़ा
    • 2020 -- -- 40 -- - बदलाव नहीं
    • 2021 -- -42 -- -- 5 % बढ़ा
    • 2022 -- -43 -- -7 % बढ़ा
    • 2023 -- -40 -- - बदलाव नहीं
    • 2024 -- -40 -- -- बदलाव नहीं

    17 अप्रैल 2025 तक तापमान 42.1 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है और आगे इससे अधिक बढ़ सकता है।

    इस बार अधिक गर्मी से गेहूं के औसत उत्पादन पर असर

    2024 में मार्च के मध्य में अधिकतम तापमान 30-31 डिग्री के आसपास था लेकिन 2025 में इन्हीं दिनों में तापमान 33-34 डिग्री सेल्सियस तक रहा था। पिछले साल मार्च में वर्षा हुई थी लेकिन इस बार सूखा रहा।

    वर्षा न होने और तापमान औसत से तीन डिग्री तक अधिक रहने से गेहूं की फसल जल्दी पकी। इससे गेहूं का दाना अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाया, जिसका उत्पादन पर असर पड़ा।

    • 2024 के मुकाबले 2025 में गेहूं की पैदावार पर असर -- -13 % तक
    • 2024 में गेहूं की प्रति एकड़ औसत पैदावार -- -24-25 क्विंटल
    • 2025 में गेहूं की प्रति एकड़ औसत पैदावार -- -21-22 क्विंटल
    • 7.5 हजार रुपये प्रति एकड़ का पड़ा फर्क
    • 2425 रुपये प्रति क्विंटल है इस बार गेहूं का एमएसपी

    मौसम का पूर्वानुमान

    • तिथि -- -- अधिकतम तापमान -- -न्यूतनतम तापमान
    • 12 अप्रैल -- -36.8 -- -23
    • 13 अप्रैल -- -- 37.5 -- -23
    • 14 अप्रैल -- -39 -- -- 24
    • 15 अप्रैल -- -- 40.3 -- -26
    • 16 अप्रैल -- -41.3 -- -26.5
    • 17 अप्रैल -- -42.1 -- -27.2

    • 4.30 लाख एकड़ भूमि है जिले में कृषि योग्य
    • 3.62 लाख एकड़ में उगाया गया है गेहूं
    • 2.30 लाख एकड़ में गेहूं का पोर्टल पर करवाया गया पंजीकरण

    पेड़ों की की अंधाधुंध कटाई की जाती है। वन क्षेत्र घटते जा रहे हैं। इसका सीधा असर मौसम पर पड़ता है। वन क्षेत्र घटने के चलते गर्मी बढ़ती जा रही है। इस बार अप्रैल से जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में साामान्य से अधिक तापमान और हीटवेव वाले दिन रहने की संभावना है।

    डॉ. प्रेमदीप, मौसम विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र, जगदीशपुर

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