Sonipat News: भुगतान के बगैर शव को बनाया बंधक, अस्पताल के सामने पुलिस भी रही बेबस
सोनीपत के राई में एक निजी अस्पताल ने दुर्घटना में मारे गए युवक के शव को बकाया भुगतान के लिए बंधक बना लिया। परिजनों के हंगामे और पुलिस के पहुंचने के बाद भी अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड से भुगतान होने पर ही शव को छोड़ा। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मानवता की अवहेलना का आरोप लगाया और पुलिस से कार्रवाई की मांग की।

जागरण संवाददाता, राई। जिले के एक निजी अस्पताल की मनमानी के आगे पुलिस प्रशासन की लाचारी उजागर हुई। शुक्रवार को हाईवे के पास स्थित एक अस्पताल ने दुर्घटना में मृत एक युवक के शव को बंधक बना लिया, जिससे उसका परिवार गमगीन हो गया।
सूचना मिलने पर दो थानों की पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। बाद में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से भुगतान होने के बाद ही अस्पताल ने शव को छोड़ा, जिसे पुलिस ने सामान्य अस्पताल के शवगृह में रखवाया।
गुरुवार को हाईवे 44 पर एक युवक को रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। राहगीरों की मदद से उसके साथी घायल को पास के मुरथल रोड स्थित पार्क निदान अस्पताल ले गए। घायल की पहचान बिहार के दरभंगा निवासी जय सिंह के रूप में हुई। अगले दिन जय सिंह की मौत हो गई।
जानकारी मिली है कि जय सिंह की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को अपने कब्जे में रखा और परिवार से 60 हजार रुपये की बकाया राशि मांग ली। हंगामे के बाद बहालगढ़ और मुरथल थानों की पुलिस पहुँची, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि बिल का भुगतान होने के बाद ही शव दिया जाएगा।
बाद में, आयुष्मान कार्ड से भुगतान होने के बाद, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर देर शाम सिविल अस्पताल पहुँचाया। शनिवार को पोस्टमार्टम होगा। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए प्रशासन से कार्रवाई की माँग की है।
बिहार निवासी जय राम ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी करता है। मृतक जयसिंह (35) दरभंगा, बिहार का रहने वाला था। वह सोनीपत में रोज़ी-रोटी कमाने आया था। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बहालगढ़ के पास हरियाणा रोडवेज की बस ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से गंभीर रूप से घायल जयसिंह को पार्क निदान अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि वे सुबह से ही अस्पताल में शव का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव देने से इनकार कर दिया। अस्पताल के कर्मचारी और अधिकारी ज़िम्मेदारी से बचते रहे और किसी ने भी परिवार को सही जानकारी नहीं दी।
अस्पताल प्रबंधन ने मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र और बकाया भुगतान को शव सौंपने की शर्त बना दिया। इस व्यवहार से परिवार को गहरा सदमा लगा और उन्हें अस्पताल के बाहर घंटों इंतज़ार करना पड़ा। लाचार परिजनों ने बहालगढ़ थाने में मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की।
हालांकि, पुलिस ने हरियाणा रोडवेज बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर मृतक के साथ हुई दुर्घटना की जाँच शुरू कर दी है। परिवार ने सवाल उठाया कि क्या अस्पताल सिर्फ़ आर्थिक लाभ के लिए मानवता की अवहेलना कर सकते हैं।
मृतक के परिवार ने न्याय की उम्मीद में बार-बार अस्पताल और पुलिस प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद, परिजनों ने अस्पताल परिसर में धरना शुरू कर दिया।
एक निजी अस्पताल में हंगामे की सूचना मिली थी। बस की चपेट में आए युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में रखवा दिया गया। देर शाम होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। बस चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-सुभाष, जांच अधिकारी।
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