सोनीपत में सूदखोरों पर शिकंजा, 15 टीमें करेंगी निगरानी; अब प्रताड़ित करने वालों की खैर नहीं
सोनीपत पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। 15 विशेष टीमें गठित की गई हैं जो जरूरतमंदों को ऊंची ब्याज दर पर फंसाने वालों पर नजर रखेंगी। कई मामले सामने आए जहां पीड़ितों को प्रताड़ित किया गया कुछ ने आत्महत्या का प्रयास भी किया। पुलिस ने लोगों से सूदखोरों से बचने और सरकारी बैंकों से लोन लेने की अपील की है। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
जागरण संवाददाता, सोनीपत। जरूरतमंद लोगों को ऊंची ब्याज दर पर पैसा देकर जाल में फंसाने वाले सूदखोरों पर अब कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी है। सोनीपत में इसको लेकर पुलिस ने 15 टीम गठित की है। जो ऐसे लोगों की निगरानी करेगी जो गरीब और असहाय व्यक्तियों को कर्ज देकर महंगे ब्याज की अदायगी के बोझ तले दबा देते हैं और बाद में लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देते हैं। कई बार तो पीड़ित हालात से टूटकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। पुलिस ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है।
हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिनमें सूदखोरों द्वारा गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्रताड़ित किया गया। सूदखोरों की गतिविधियों पर निगरानी रखने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 15 विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें लगातार ऐसे लोगों की पहचान कर उनके ठिकानों पर छापेमारी करेंगी। गैरकानूनी लेन-देन में लिप्त किसी भी व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
छोटे व्यवसायी और गरीब फंसे हैं चंगुल में
अवैध फाइनेंसरों ने अधिकांश तौर पर छोटे काम करने वाले गरीब लोगों को फंसाया हुआ है। ये गरीब लोग छोटा व्यवसाय कर अपने परिवार का पालन पोषण करने के उद्देश्य से इन फाइनेंसरों से ब्याज पर यह सोच कर पैसा ले लेते है कि रोजाना होने वाली आमदनी में से वह पैसा चुकाता रहेगा। लेकिन एक बार फंसने वाला व्यक्ति फाइनेंसरों का बंधवा बनकर रह जाता है।
केस स्टडी
केस नंबर-1 : प्रताड़ना से तंग युवक ने निगल लिया था जहर
मई, 2024 में सिक्का कालोनी के जितेश अवैध फाइनेंसरों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर निगल लिया था। जहरीला पदार्थ निगलने से पहले जितेश ने नोट लिख स्वजनों और जानकारों को भेज आपबीती बताई थी। जितेश का आरोप था कि उसने तीन फाइनेंसरों से कर्ज लिया था। वह दोगुने रुपये दे चुका है। बावजूद फाइनेंसर उसका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। उसका अपहरण कर पीटा गया, जिससे आहत होकर उसने जान देने की कोशिश की।
केस नंबर-2 : आम आदमी के प्रदेश प्रवक्ता के तोड़ दिए थे पैर
फाइनेंसरों के चंगुल में फंसे दिल्ली रोड पर दुकान चलाने वाले मोनू की मदद को आगे आने वाले पूर्व पार्षद एवं उस वक्त आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विमल किशोर पर 24 नवंबर, 2020 को जानलेवा हमला हुआ था। इससे पहले जनवरी, 2016 में भी उन पर हमला हुआ था।
वर्ष 2020 में मोनू के भाई ने फाइनेंसरों के डर से घर छोड़ दिया था। जिसे बाद फाइनेंसर उसके भाई मोनू को तंग करने लगे। इसके विरोध में पूर्व पार्षद विमल किशोर ने विरोध प्रदर्शन किए थे। जिसके बाद 24 नवंबर को हमलावरों ने कार्यालय में घुस कर पैर तोड़ दिए। वह दो साल तक बिस्तर पर रहे।
केस नंबर-3 : 30 हजार के वसूले छह लाख, श्रमिक ने जहर खाया
हनुमान नगर के गली नंबर-6 के रहने वाले नरेंद्र सैनी ने लगभग छह साल पहले अपनी आर्थिक तंगी के चलते एक फाइनेंसर से 30 हजार रूपये का कर्ज लिया था। बीच में एक-आध बार वह समय से किस्त नहीं दे पाए जिसके बाद उन पर किस्त का रुपया बढ़कर 60 हजार हो गया। किश्त जमा होने के बाद कुछ रुपया बाकि था तभी कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया, जिसके बाद उसका तीन हजार का कर्जा छह लाख हो गया।
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वहीं, दबाव में नरेंद्र ने फरवरी, 2022 में जहर निकल कर आत्महत्या का प्रयास किया। इसके बावजूद अवैध फाइनेंसरों का धमकाने का सिलसिला बंद नहीं हुआ।
आमजन से अपील है कि वे सूदखोरों के बहकावे में न आएं। यदि पैसों की आवश्यकता हो तो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बैंक और वित्तीय संस्थानों से ही सस्ता और सुरक्षित लोन लें। कोई भी पीड़ित सीधे थाना, चौकी या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। - नरेंद्र कादियान, पुलिस उपायुक्त, क्राइम
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