Sonipat Ration Scam: गरीबों के निवाले की चोरी, राशन वितरण में हो रहा खेला; अब छापा पड़ते ही...
सोनीपत में गरीबों के राशन की चोरी का मामला सामने आया है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने पबसरा और जाखोली गांवों में छापेमारी कर भारी अनियमितताएं पकड़ीं। एक ही ...और पढ़ें

नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। गरीबों के लिए आने वाला राशन चोरी कर बेचा जा रहा है। राशन वितरण में हेराफेरी हो रही है। महज दो माह में विभाग ने दो जगह राशन डिपो पर छापेमारी की है, जिसमें भारी अनियमितताएं सामने आई हैं।
बुधवार देर रात विभाग ने पबसरा व जाखोली गांव में सात जगह छापेमारी की तो कहीं ज्यादा तो कहीं कम राशन का स्टॉक मिला। यहां एक राशन डिपो के लाइसेंस पर सात राशन की दुकानें चलती मिलीं। इसके साथ ही पिछले माह खेवड़ा गांव में बेनामी डिपो चलता मिला था।
इस तरह हो रहा धांधली
इसमें लाइसेंस किसी के नाम पर था और चला कोई और रहा था, जबकि कई सालों से कमीशन किसी और के खाते में जा रहा था। विभाग के अधिकारियों ने दोनों जगह केस दर्ज कराकर इन्हें बंद करवा दिया था।
खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने इंस्पेक्टर नवीन पालीवाल के नेतृत्व में बुधवार शाम को पबसरा गांव में जयप्रकाश के राशन डिपो पर छापा मारा। एक डिपो के लाइसेंस पर पबसरा और जाखोली गांव में सात डिपो चलते मिले। नवीन पालीवाल ने बताया कि डिपो होल्डर जयप्रकाश दो पीओएस मशीनों के जरिए सात दुकानों पर राशन वितरित कर रहा था, जबकि विभागीय नियमानुसार एक लाइसेंस पर एक ही डिपो चलाया जा सकता है। दोनों मशीनों से डिपो पर मौजूद स्टॉक का मिलान नहीं हो रहा था।
पबसरा गांव की मशीन के अनुसार स्टॉक से 23 किलो चीनी और एक क्विंटल दो किलो बाजरा अधिक मिला। यहां 182 लीटर सरसों का तेल स्टॉक से अधिक मिला। जबकि जाखोली गांव के डिपो पर मिली मशीन के अनुसार 35.64 क्विंटल गेहूं और 31 किलो चीनी कम मिली।
यहां 3.62 क्विंटल बाजरा अधिक मिला जबकि 275 लीटर सरसों का तेल कम मिला। विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि जहां स्टॉक कम मिला, वहां उसे बाजार में बेचा गया होगा।एक ही लाइसेंस पर सात दुकानें चलाकर बड़े पैमाने पर राशन की हेराफेरी की जा रही थी।
खेवड़ा गांव मेंं चल रहा था बेनामी डिपो
मार्च में विभाग ने खेवड़ा गांव में छापा मारकर एक बेनामी राशन डिपो पकड़ा था। राशन वितरण में बड़ा घोटाला चल रहा था। इस डिपो का लाइसेंस एक व्यक्ति के नाम पर था, लेकिन इसे कोई और चला रहा था। वहीं, विभाग के डिपो होल्डर को मिलने वाला कमीशन किसी और व्यक्ति के खाते में जा रहा था। इस पर विभाग ने डिपो बंद कर दिया और होल्डर के खिलाफ कार्रवाई भी की।
लोगों को नहीं मिला था फरवरी और मार्च का राशन
जिले में अधिकांश लोगों को फरवरी और मार्च का राशन नहीं मिल पाया। इसका कारण यह रहा कि राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदार की लापरवाही के कारण राशन समय पर नहीं पहुंच रहा था। महीने के अंत में राशन भेजा गया, जिसका वितरण नहीं हो सका। अगले महीने के लिए पीओएस मशीन में कैरी फॉरवर्ड का ऑप्शन नहीं था, इसलिए लोगों को परेशानी हुई। कार्ड धारकों को सरसों का तेल भी नहीं मिल पाया। अप्रैल से राशन सप्लाई सुचारू है।
जहां भी राशन वितरण में अनियमितता की सूचना या शिकायत मिलती है, वहां तुरंत टीम भेजकर कार्रवाई की जाती है। अनियमितता की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाती है और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। पबसरा और जखोली में सात दुकानें चलाने वाले आरोपी डिपो होल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। अब नए ठेकेदार के माध्यम से सप्लाई की जा रही है। अब कोई दिक्कत नहीं है।
- विनशल सहरावत, डीएफएसओ, सोनीपत
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