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    Sonipat में पुलिसकर्मी ने चालान से बचने के लिए कार में लगाया था बाइक का रजिस्‍ट्रेशन नंबर, पुलिस दबाती रही मामला

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 03:20 PM (IST)

    सोनीपत में एक पुलिसकर्मी के नाबालिग बेटे ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक शिक्षिका को कार से टक्कर मार दी। पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की क्योंकि कार एक पुलिसकर्मी की थी और उस पर बाइक की नंबर प्लेट लगी थी ताकि दिल्ली में चालान से बचा जा सके। बाद में पुलिसकर्मी ने पीड़ित परिवार से माफी मांगी।

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    दिल्ली में चालान से बचने के लिए पुलिसकर्मी ने कार पर लगा रखी थी बाइक की नंबर प्लेट।

    नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। बाइक की नंबर प्लेट लगी कार से स्कूटी सवार महिला शिक्षिका को टक्कर मारकर घायल करने के मामले में पुलिस ने तीनों नाबालिग छात्रों की पहचान कर ली थी। मंगलवार को आरोपित व उनके स्वजन थाने में पहुंचे और घायल महिला के पति व ससुर के सामने माफी मांगते हुए अपनी गलती स्वीकार की। इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। कार एक पुलिसकर्मी की है जो उसके दोस्त के नाम है। कार पर बाइक की नंबर प्लेट लगाने की बात बताया गया कि कार को कई बार दिल्ली ले जाते हैं, वहां पर कार का सीसीटीवी का चालान न हो, इसलिए उसका नंबर बदल दिया गया है। पुलिस अधिकारी इस पूरे मामले को छिपाते रहे।

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    सीधे जवाब के बदले घुमाती रही पुलिस

    गोलमोल जवाब देते रहे पुलिसकर्मी इस मामले में पुलिस का रवैया शुरू से ही ढुलमुल था क्योंकि हादसा पुलिसकर्मी की कार से हुआ था। थाना प्रभारी महेश कुमार ने बताया कि वह कोर्ट में हैं और इस मामले में अपडेट नहीं हैं।

    वहीं मामले के जांच अधिकारी मनोज ने बताया कि कार पर ओरिजनल नंबर प्लेट लगी हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि कार की पिछली नंबर प्लेट पर चोटी लगाकर या टेप लगाकर नंबर को छिपाया गया था।

    मगर अगली नंबर प्लेट से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी लेकिन जांच अधिकारी ने झूठ बोला क्योंकि सीसीटीवी में कार की अगली नंबर प्लेट भी बदली हुई साफ दिख रही थी।

    राहगीरों ने की मदद

    दरअसल, चार जुलाई को शिक्षिका संगीता अपनी स्कूटी पर सेक्टर-23 स्थित अपने घर से स्कूल जा रही थीं। तभी सड़क किनारे खड़ी सफेद रंग की कार ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में महिला को चोटें आईं।

    आस-पास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और स्वजनों को सूचना दी।पीड़िता के पति अरुण मलिक का आरोप है कि सीसीटीवी की फुटेज देखने से पता चला कि कार में नाबालिग छात्र सवार थे जो लापरवाही से कार चला रहे थे।

    सीसीटीवी फुटेज ने खोल दी पोल

    उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सौंपते हुए शिकायत दी थी। कार पर एचआर 10 एएच 6078 नंबर की प्लेट लगी थी। जांच करने पर पता चला कि एक बाइक (एचएफ डीलक्स) का नंबर है। जब उन्होंने मिलते-जुलते नंबर एचआर 10 एएच 6079 की जांच की तो वह एक सफेद बलेनो कार का निकला।यही इस कार का ओरिजनल नंबर था।

    आरोपितों ने कार की नंबर प्लेट में छेड़छाड़ कर रखी है, ताकि हादसा कर कर फरार होने के बाद उनकी पहचान न हो सके। पुलिस ने बताया कि कार एक पुलिस कर्मचारी की है। इसमें कई बार दिल्ली आवागमन किया जाता है, वहां पर सीसीटीवी के चालान न कट जाएं, इसके लिए कार पर बाइक के नंबर वाली प्लेट लगाई गई थी।

    नाबालिग लड़का कर रहा था ड्राइव

    घटना के समय पुलिसकर्मी का 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला नाबालिग बेटा कार चला रहा था और उसके साथ उसके उसकी कक्षा में पढ़ने दो दोस्त भी थे।मंगलवार को पुलिसकर्मी ने पीड़िता के पति व ससुर को थाने बुलाया और बेटे की ओर से माफी मांगी। इस पर पीड़ित पक्ष ने उन्हें माफ कर दिया।

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