Sonipat News: आरोपित ने परिचितों के खातों में भेजे थे गबन के 1.44 करोड़, खरीदी गई नई कार जब्त
सोनीपत के दो स्कूलों में क्लर्क मनोज आनंद ने 1.44 करोड़ का गबन किया। उसने फर्जी बिलों से पैसे निकालकर परिचितों के खातों में डाले और एक कार खरीदी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली है। जांच में पता चला कि उसने 51 बार फर्जी बिल बनाकर यह गबन किया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सतीश शर्मा, राई। दो स्कूलों में 1.44 करोड़ रुपये का गबन करने वाले शिक्षा विभाग के क्लर्क ने अपने परिचितों के बैंक खातों में गबन की राशि ट्रांसफर की थी। आरोपित ने गबन के रुपयों से अपने लिए मारुति की नई फ्रांक्स कार खरीदी थी।
पुलिस ने आरोपित के कब्जे से कार को जब्त कर लिया है। इसके अलावा उसकी निशानदेही पर अकबरपुर-बारोटा स्थित पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा छतेहरा बहादुरपुर स्थित स्कूल के नाम जाली मोहरें और जाली ब्लैंक फार्म भी जब्त किए गए हैं। गबन में शामिल अन्य लोगों के बारे में पुलिस की जांच जारी है।
कुंडली थाना पुलिस ने अकबरपुर-बारोटा स्थित राजकीय स्कूल की प्राचार्या भारती की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के क्लर्क मनोज आनंद को गिरफ्तार किया थां। आरोपित पर चार सालों में स्कूल निधि से 1.44 करोड़ से अधिक की राशि के गबन का आरोप लगाया गया था।
फर्जी बिलों के जरिये कैसे किया गबन?
विभागीय जांच में पता चला कि उसने 51 बार फर्जी बिलों के जरिये 1.44 करोड़ से अधिक राशि का गबन किया। गबन की गई धनराशि को उसने अपने परिचितों के बैंक खातों को स्थानांतरित करवा दिया। शिकायत में यह भी बताया गया कि जिन लोगों के खातों का इस्तेमाल आरोपित ने धन के स्थानांतरण में किया उनमें से कोई भी शिक्षा विभाग से संबंधित नहीं था। पुलिस जांच में ये सभी जानकारियां सही पाई गईं।
जांच अधिकारी ने बताया कि गबन का यह सिलसिला उस वक्त सामने आया जब छतहेरा बहादरपुर स्थित स्कूल के इंचार्ज सेवानिवृत हुए मनोज आनंद ने उनकी लीव कैशमेंट का पैसा फ्राड करके किसी महेंद्र मलिक के खाते में डलवाना चाहा।
नौ लाख के अधिक की इस रकम के स्थानांतरण में संदेह होने पर प्राचार्या भारती ने इसके भुगतान को रुकवा दिया। मामले की लंबी चली जांच में पाया गया कि छतहेरा बहादुरपुर स्थित स्कूल में 31 और अकबरपुर बारोटा स्कूल में आरोपित ने 20 बार फर्जी बिलों के जरिए गबन किया। ये फर्जी बिल जुलाई, 2021 से जून, 2025 तक बनाए गए।
इस राशि में से एक करोड़ तीन लाख रुपये से अधिक की राशि फर्जी बिलों के जरिए अलग-अलग तिथियों में महिमा, दिव्या, निशान्त अरोड़ा, भूपेन्द्र कुमार, तृप्ता, संजय कुमार, पुनम, कृष्णा और महेंद्र मलिक के बैंक खाते में आनलाइन भेजा गया।
इन लोगों में से कोई भी विद्यालय या शिक्षा विभाग के किसी आफिस में कार्यरत नहीं रहा है। इसके अतिरिक्त अकबरपुर बारोटा के स्कूल में कुल 20 फर्जी बिलों के माध्यम से लगभग 33 लाख रुपये का सरकारी धन का गबन किया गया। दिव्या व महिमा के के खातों में दोनों विद्यालयों से रुपये ट्रांसफर किए गए हैंं। कुंडली थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया था।
परिचितों पर भी कसेगा शिकंजा
कुंडली थाने के जांच अधिकारी एसआई जितेंद्र ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में उसकी निशानदेही पर गबन के पैसों से खरीदी गई मारुति की फ्रांक्स कार जब्त की गई है। मुख्य आरोपित का साथ देने वाले सभी नामजदों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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