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    पराली जलाने पर 30 हजार जुर्माना और FIR, सोनीपत प्रशासन का सख्त फैसला; सेटेलाइट से होगी खेतों की निगरानी

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 06:17 PM (IST)

    सोनीपत प्रशासन पराली जलाने वालों पर सख्ती करेगा। पकड़े जाने पर 30 हजार रुपये जुर्माना और एफआईआर होगी। इसके लिए विशेष निगरानी टीमें बनाई गई हैं। कृषि विभाग और इसरो सैटेलाइट से निगरानी रखेंगे। अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। किसानों से पराली न जलाने की अपील की गई है क्योंकि इससे प्रदूषण होता है और मिट्टी की उर्वरता घटती है।

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    पराली जलाने पर सख्ती, नियम तोड़ने पर जुर्माना और एफआइआर

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। प्रशासन की ओर से पराली जलाने वाले पर सख्ती बरती जाएगी। यदि कोई किसान पराली जलाते हुए मिलता है तो किसान पर 30 हजार रुपये जुर्माना व एफआइआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन ने पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष निगरानी टीमें गठित कर दी गई हैं, जो गांव-गांव जाकर लगातार नजर रखेंगी। गठित टीमों में एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी व कृषि विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो 30 नवंबर तक किसानों पर निगरानी रखेगी।

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    तुरंत मौके पर पहुंचेगी टीम

    जिले में पिछले साल पराली जलाने के 70 मामले सामने आए थे। इन किसानों पर प्रशासन ने जुर्माना तो लगाया ही था साथ में एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इस बार पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रूप से नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए टीमें गठित कर दी हैं, जो प्रतिदिन गांवों में तैनात रहेंगे। सुबह से शाम तक निगरानी रखी जाएगी और जैसे ही आग लगाने की सूचना मिलेगी, तुरंत मौके पर कार्रवाई की जाएगी।

    कृषि विभाग और इसरो मिलकर करेंगे काम

    वहीं, पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए सैटेलाइट तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। कृषि विभाग और इसरो की ओर से 30 नवम्बर तक लगातार लोकेशन ट्रेकिंग की जाएगी। सेटेलाइट तकनीक से कहीं भी धुएं या आग का पता चलते ही टीमों को तुरंत जानकारी दी जाएगी। इससे बचने का कोई रास्ता किसानों के पास नहीं रहेगा। इसके अलावा प्रशासन ने इस दौरान दशहरा और दिवाली पर सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी हैं। अधिकारी और कर्मचारी प्रतिदिन क्षेत्र में मौजूद रहेंगे और निगरानी व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे।

    अवशेषों को आग लगाने से बचें

    "पराली जलाने से न केवल वातावरण प्रदूषित होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है। सरकार की ओर से पराली प्रबंधन के लिए किसानों को कई तरह की मशीनें और सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही हैं। किसान पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाएं और अवशेषों को आग लगाने से बचें। यदि कोई किसान पराली जलाता है तो उस कार्रवाई की जाएगी।"

    -डाॅ. पवन शर्मा, कृषि उपनिदेशक

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