Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा के सोनीपत में यमुना का घटा जलस्तर तो दिखा बर्बादी का मंजर, फसल देख रो पड़े किसान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:43 AM (IST)

    सोनीपत में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। खेतों से मिट्टी बह गई जिससे भारी नुकसान हुआ है। राई और गन्नौर के कई गांवों में खेत जलमग्न हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। पशुपालन विभाग ने पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

    Hero Image
    गन्नौर के पनबेरा में खेतों से हो रहा मिट्टी का कटाव। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। चार-पांच दिनों तक तांडव मचाने के बाद अब यमुना में जल स्तर घटने लगा है। जैसे-जैसे पानी का स्तर कम हुआ तो बर्बादी का मंजर साफ दिखाई दिया। शुरुआती मंजर ने किसानों को रुला दिया और आगे यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब खेतों से पानी पूरी तरह से उतरेगा तो हजारों एकड़ भूमि में डोलें भी नहीं मिलेंगी। पानी के बहाव में खेतों से लाखों क्यूबिक मिट्टी यमुना में बह चुकी है। कटाई को तैयार खड़ी और हाल ही में बिजाई की गई फसलें सब चौपट हो गईं।

    राई व गन्नौर में कई गांवों में बांध के पार यमुना की तलहटी में खेतों में केबल बर्बादी के निशान बचे हैं। दहीसरा, भैरा-बाकीपुर-बसंतपुर, खुरमपुर और मनौली के अधिकतर किसानों के खेत यमुना की तलहटी में बांध के पार हैं।

    कुछ दिन पहले यहां खड़ी धान, स्वीट कार्न समेत कई फसलें अब नजर नहीं आती हैं। गन्नौर के बेगा गांव लगभग 250 एकड़ में अभी पानी भरा हुआ है। बेगा टापू का करीब 10 एकड़ हिस्सा कटकर यमुना में समा चुका है। गोहाना में खेतों में पानी भरा हुआ है लेकिन सिंचाई विभाग ने कई पंपसेट बंद कर दिए।

    क्या बोले किसान?

    वर्ष 2023 में भी यमुना में पानी चढ़ आया था। इस साल भी पानी आ गया। मेरी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। समझ नहीं आ रहा कि परिवार के खर्चे कैसे पूरे होंगे।   - कृष्णलाल, किसान

    मेरी ही तरह गांव के अधिकतर किसान खेती पर ही निर्भर हैं। बार-बार बाढ़ आते रहने से घर-गृहस्थी का सारा हिसाब गड़बड़ा गया है। मेरी सारी फसलें खराब हो गई है।   - नितेश, किसान

    यमुना के पास के खेतों में कहीं कोई फसल नहीं बची है। कहीं-कहीं थोड़ी ज्वार खड़ी दिखती है। जिन किसानों की खेती बार-बार बाढ़ से नष्ट हो रही है उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।

    नरेंद्र, किसान

    इस बार पैदावार बड़ी अच्छी दिख रही थी। आठ-नौ एकड़ में स्वीट कार्न लगाया था, सब तबाह हो गया। बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। पानी भले ही उतार गया पर लेकिन खेतों की तरफ जाने का मन नहीं करता है।   - देवेंद्र, किसान

    यमुना तटीय क्षेत्रों में पशुओं की जांच की

    यमुना तटीय क्षेत्रों में पशुओं में बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा जांच अभियान चलाया गया। पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। मनौली टोंकी गांव में 150 से अधिक पशुओं की जांच की गई। डा. बलजीत दलाल के नेतृत्व में शिविर में प्रत्येक पशु का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयां और कृमिनाशक दवाएं मुफ्त उपलब्ध करवाई गईं।

    प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे की मांग

    गोहाना रोड क्षेत्र के कई गांवों के खेतों में पानी भरने से नुकसान हुआ है। जिला पार्षद संजय बड़वासनियां व किसानों ने प्रशासन पर समय पर ड्रेनों की सफाई न कराने का आरोप लगाया। जिला पार्षद ने सरकार से फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। वहीं मकान गिरने से हुए नुकसान की भरपाई की भी मांग की है।

    पानी घुसने लगा तो गोहाना में पंपसेट कर दिए बंद

    सिंचाई और ड्रेनेज विभाग ने गोहाना के विभिन्न गांवों में अतिरिक्त वर्षा जल के लिए लगाए गए कई पंपसेटों को अचानक बंद कर दिया। अधिकारियों का तर्क है गोहाना क्षेत्र में नहरों में जो पानी डाला जा रहा था वह आगे जाकर महम क्षेत्र के गांवों में घुसने लगा है।

    अभी कई गांवों के खेतों में पानी भरा हुआ है और फसलें डूबी हैं। इससे क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ गई है। ड्रेन आठ में वर्षा का पानी निकालने के लिए लगाए गए कई पंप भी बंद कर दिए गए हैं। बरोदा हलका के विधायक इंदुराज नरवाल ने कड़ा एतराज जताया। उन्होंने सरकार पर बरोदा व गोहाना हलका के किसानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।

    अभी हमारे गांव के खेतों में जगह-जगह वर्षा का पानी भरा हुआ है। सोमवार को अचानक ड्रेन पर लगाए गए पंपसेट को बंद कर दिया गया। जब आपरेटर से बात की गई तो कहा कि अधिकारियों के आदेश आए हैं।  - मोनू, किसान, गांव बरोदा

    गांव बरोदा में तीन जगह पंपसेट लगाए गए थे और सभी बंद कर दिए गए। खेतों से जल्द अतिरिक्त पानी की निकासी न होने से फसलें खराब हो जाएंगी।  - अनिल, किसान, गांव बरोदा

    सरकार किस मंशा से बरोदा हलके के किसानों को परेशान करने का काम कर रही है, यह समझ से परे है। जिन पंपों को पानी की निकासी के लिए लगाया गया, उनको ही बंद कर दिया। गांव धनाना, कथूरा, रिंढाणा, छपरा, बरोदा, जसराना, शामड़ी, घड़वाल समेत कई जगह पंप बंद कर दिए गए। फसलें डूब रही हैं और किसान परेशान हैं। सरकार आंख मूंदकर बैठी है।

    - इंदुराज नरवाल, विधायक, बरोदा

    नंबर गेम :

    • 03 से 04 घंटे तक लग रहे है वर्षा के पानी की निकासी में
    • 0130-2221590 पर फोन करके सहायता प्राप्त की जा सकती है।

    एक घंटे की वर्षा में ही शहर पानी-पानी, जलभराव से हुई दिक्कत

    सोमवार को एक घंटे की वर्षा में ही एक बार फिर शहर की निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। शहर में कई जगह जलभराव के चलते आसपास के लोगों के साथ ही राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ।

    गीता भवन चौक पर पानी भरने के कारण देवीलाल चौक, गोहाना रोड, सांरग रोड और मंडी क्षेत्र में वाहनों का दबाव बढ़ गया। इस दौरान वाहन रेंगते नजर आए। एक घंटे की वर्षा में ही शहर से पानी निकासी में तीन से चार घंटे का समय लगा।

    कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। गीता भवन चौक पर जलभराव से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गए। इसका असर शहर के बाकि हिस्सों में भी ट्रैफिक पर देखने को मिला। सेक्टर 15 में डाली गई स्टार्म वाटर लाइन भी वर्षा का दबाव नहीं झेल पा रही है। यहां भी पानी निकासी में कई घंटे लगे।

    यहां हुई जलभराव से दिक्कत

    • गीता भवन चौक और शनि मंदिर
    • ककरोई चौक से लेकर थाना सदर तक
    • सूरी पेट्रोल पंप वाली गली और ककरोई रोड
    • अग्रसेन चौक और सेक्टर-14 व 15