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    Encounter: मुठभेड़ में ढेर हुए मंजीत का खुला खौफनाक राज, भाई का कत्ल और...; हड़पना चाहता था मां के 2 लाख रुपये

    एनकाउंटर में मारे गए मंजीत को लेकर खौफनाक राज खुला है। पुलिस की जांच में पता चला कि मंजीत ने अपने भाई की हत्या कर दी थी। वह अपनी मृत मां के बीमे के दो लाख रुपये हड़पना चाहता था लेकिन पॉलिसी में नामिनी उसका बड़ा भाई था। इसी लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। आगे विस्तार से जानिए पूरा मामला।

    By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 21 Jan 2025 05:10 PM (IST)
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    सोनीपत के गांव रोहट का मंजीत एनकाउंटर में मारा गया। फाइल फोटो

    दीपक गिजवाल, सोनीपत। शामली में कग्गा गैंग के सदस्यों और पुलिस के बीच हुए एनकाउंटर में मारा गया सोनीपत के गांव रोहट का मंजीत भाई की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वारदात के वक्त उसने अपनी बहन पर भी चाकू से हमला किया था। 

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    आरोपित मृत मां के बीमे के दो लाख रुपये हड़पना चाहता था। दिसंबर, 2023 में अतिरिक्ति जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल सपरा की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पैरोल पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया था। जिसके बाद अब एनकाउंटर में मारा गया।

    जीजा पर दर्ज करवा दिया था हत्या का झूठा मामला

    मंजीत ने नौ अगस्त 2021 को सदर थाना में मामला दर्ज कराया था कि उनकी गांव की जमीन का मुआवजा 10 अगस्त, 2021 को मिलना था। चिटाना गांव के रहने वाले उसके जीजा मोनू ने मुआवजे की धनराशि में अपना हिस्सा मांगा था। रुपये देने से मना करने पर उसने आठ-दस साथियों के साथ घर पर आकर हमला कर दिया था। जिसमें उसके भाई राजेश की मौत हो गई थी। पुलिस ने उसके जीजा सहित सात-आठ अन्य पर मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने मामले में गहनता से जांच की थी तो मामला संदिग्ध मिला था।

    जांच में खुला मामला, मुआवजे के लिए भाई को मारा

    पुलिस ने मंजीत को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की थी तो उसने भाई पर खुद हमला करना स्वीकार किया था। पुलिस ने दावा किया था कि उसने जीजा को फंसाने के लिए मामला दर्ज कराने की बात कही थी। मंजीत ने पुलिस को बताया था कि उसकी मां का दो लाख रुपये का बीमा था। मां की मौत तीन साल पहले हो गई थी। बीमा के कागजात उसके पास थे, जबकि नामिनी उसका बड़ा भाई राजेश था। 

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    वह बीमा लेने के लिए कागजात मांग रहा था। इसको लेकर पहले भी झगड़ा हुआ था। तब से राजेश चिटाना गांव में जीजा के पास रह रहा था। घटना के दिन वह कागजात मांगने आया था। इसको लेकर विवाद हुआ था और चाकू लगने से बड़ा भाई घायल हो गया था। बाद में उसने जीजा का नाम ले लिया था।

    जेल में आया कग्गा गैंग के संपर्क में

    मामले में अतिरिक्ति जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल सपरा ने मंजीत भाई की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बताया जा रहा है कि जेल में रहते हुए ही वह उत्तर प्रदेश के मुस्तफा कग्गा गैंग के संपर्क में आया। पैरोल मिलने के बाद वह फरार हो गया। उत्तर प्रदेश में ही उसने अपना ठिकाना बना लिया था।

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