Sonipat News: सोहटी की सरपंच सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी और रिकॉर्ड छिपाने पर निलंबित, एडीसी करेंगे जांच
खरखौदा के सोहटी गांव की सरपंच बबीता देवी को वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। डीसी सोनीपत ने हरियाणा पंचायत राज एक्ट के तहत कार्रवाई की है। उन पर पंचायत की जमीन पर कब्जे करवाने विकास कार्यों में धन की गड़बड़ी और अन्य अनियमितताओं के आरोप हैं। बबीता देवी ने इन आरोपों को निराधार बताया है और न्यायालय में जाने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, खरखौदा। गांव सोहटी की सरपंच बबीता देवी को गंभीर आरोपों के चलते पद से निलंबित कर दिया गया है। डीसी सोनीपत सुशील सारवान ने हरियाणा पंचायत राज एक्ट 1994 की धारा 51 के तहत यह कार्रवाई की है। अब इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त उपायुक्त को नियुक्त किया गया है।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) खरखौदा की रिपोर्ट के तहत, बबीता देवी के विरुद्ध लंबे समय से सीएम विंडो, समाधान शिविर और अन्य माध्यमों से शिकायतें मिल रही थीं। इनमें पंचायत की जमीन पर कब्जे करवाने, विकास कार्यों में धन की गड़बड़ी, गांव में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और आरओ में अनियमितताएं, मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास योजना के तहत प्लाॅट आवंटन में गड़बड़ी तथा मकानों के नियमितीकरण में पैसे लेने जैसी गंभीर बातें शामिल थीं।
निलंबन पत्र में कहा गया है कि बीडीपीओ कार्यालय ने कई बार उन्हें ग्राम पंचायत का रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिए पत्र भेजे, लेकिन उन्होंने हर बार टालमटोल और झूठे बयान देकर रिकाॅर्ड देने से परहेज किया। इससे शिकायतों की जांच लंबित हो गई। इसके अलावा शिकायतें यह भी थीं कि सरपंच की जगह उनके पति ही पंचायत के कार्यों में सक्रिय रहते हैं और हस्ताक्षर से लेकर बैठकों की अध्यक्षता तक करते हैं।
बीडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि बबीता देवी के गैर-जिम्मेदार रवैये और रिकार्ड न देने से गांव में सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित हुआ है। इसके चलते पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे। डीसी सोनीपत ने आदेश जारी करते हुए बबीता देवी को सरपंच पद से निलंबित कर दिया और निर्देश दिया कि पंचायत का सारा रिकार्ड तुरंत बहुमत वाले पंच को सौंपा जाए।
अब अतिरिक्त उपायुक्त सोनीपत इस पूरे मामले की जांच करेंगे। उधर सरपंच बबीता देवी का कहना है कि वह इस निलंबन के खिलाफ पंचायत मंत्री, मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपना पक्ष रखने के साथ ही न्यायालय में भी जाएंगी। उनका कार्यकाल बिलकुल साफ एवं पारदर्शी रहा है। सभी आरोप निराधार हैं।
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