हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जिंदल यूनिवर्सिटी से मांगी पूरी रिपोर्ट, 20 फरवरी का है मामला
जिंदल यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ रैगिंग के मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्वत संज्ञान लेकर यूनिवर्सिटी से मामले की रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि आरोपितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तुरंत और निर्णायक रूप से की जानी चाहिए। पीड़ितों को उनके आघात से उबरने और बिना भय के अपनी शिक्षा जारी रखने में सहायता के लिए परामर्श सेवाएं भी प्रदान की जानी चाहिए।

दीपक गिजवाल, सोनीपत।OP Jindal University Ragging case: जिंदल यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ रैगिंग के मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर यूनिवर्सिटी से मामले की रिपोर्ट मांगी है। यूनिवर्सिटी में 20 फरवरी की रात अलग-अलग मामलों में दो छात्रों के साथ मारपीट हुई थी।
एक छात्र ने रैगिंग की शिकायत दी थी। जिसमें पुलिस ने छह आरोपितों को नामजद कर कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं, दूसरे मामले में मारपीट की शिकायत दी गई थी। मामले में अब हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी है।
सीनियर छात्रों ने की रैगिंग
पीड़ित छात्र ने जिंदल यूनिवर्सिटी चौकी पुलिस को बताया था कि वह 20 फरवरी की रात को यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में अपने दोस्त के कमरे पर गया था। तभी उसके छह सीनियर छात्र व अन्य छह-सात युवक कमरे में घुस आए। सभी मिलकर उसके साथ रैगिंग करने लगे।
विरोध करने पर सिर पर स्टील की बोतल से वार कर बेल्ट से पीटा गया। दो सीनियर्स ने लोहे के पंच से उसके पेट और कमर पर वार किए। आरोपितों ने गले में पहनी उसकी चांदी की चेन खींचकर उसका गला दबाया। आरोपितों ने इस दौरान वीडियो भी बनाया।
पुलिस ने शिकायत के बाद दर्ज किया केस
आरोपितों ने धमकी दी कि यदि बाहर जाकर किसी को बताया तो वीडियो को इंटरनेट पर डाल देंगे। इसके बाद उसने शहर के निजी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाया। शिकायत पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ जानलेवा हमले व गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था।
वहीं, एलएलबी तृतीय वर्ष के एक अन्य छात्र पुलिस को बताया कि 20 फरवरी की रात को करीब साढ़े 12 बजे कैंपस स्थित क्रिकेट ग्राउंड के पास से गुजर रहे थे। उसी दौरान वहां पर सीनियर छात्र आया। उसने उसे रोक लिया। आरोप है कि उसने शराब पी रखी थी।
शोर मचाने पर आरोपित ने की गाली-गलौज
उसने कहा कि उसने बहुत पी रखी है, और किसी को मारने का मन कर रहा है। अचानक ही उसने उसे पीटना शुरू कर दिया। उसने नाक पर मुक्का मार दिया। जिसके चलते नाक से खून बहने लगा। शोर मचाने पर आरोपित गाली-गलौज कर वहां से चला गया।
सहपाठियों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मीडिया में मामला आने के बाद हरियाणा मानवाधिकारी आयोग के आयोग के चेयरमैन जस्टिस ललित बत्रा ने दोनों मामलों में संज्ञान लिया। जिसके बाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को तलब कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने की है ये टिप्पणी, 14 को सुनवाई
मामले में आयोग के अध्यक्ष ललित बत्रा और सदस्य कुलदीप जैन व दीप भाटिया ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तुरंत और निर्णायक रूप से की जानी चाहिए ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सकें कि शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के लिए कोई स्थान नहीं है।
इसके अलावा, पीड़ितों को उनके आघात से उबरने और बिना भय के अपनी शिक्षा जारी रखने में सहायता के लिए परामर्श सेवाएं भी प्रदान की जानी चाहिए। वहीं, जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वे एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इन बंदियों पर मांगी गई है रिपोर्ट
- विश्वविद्यालय द्वारा रैगिंग रोकने के लिए उठाए गए कदम।
- आरोपित छात्रों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई।
- पीड़ितों के लिए उपलब्ध सहायता तंत्र।
- यूजीसी और एंटी-रैगिंग विनियमों के अनुपालन की स्थिति।
हमारे पास अभी हरियाणा मानवाधिकार आयोग का कोई पत्र नहीं पहुंचा है। आयोग की ओर से जैसे निर्देश मिलेंगे उनके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
अंजू मोहन, प्रवक्ता, ओपी जिंदल, ग्लोबल यूनिवर्सिटी
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