New GST Rates: पैकेजिंग उद्योग पर जीएसटी 2.0 की मार, लागत बढ़ी तो सप्लाई चेन पर संकट
हरियाणा कोरोगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने जीएसटी 2.0 के नए नियमों पर चिंता जताई है। तैयार माल पर जीएसटी कम करने और कच्चे माल पर बढ़ाने से उद्योग पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। एसोसिएशन ने सरकार से दरों में समानता लाने और रिफंड प्रक्रिया सरल करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। हरियाणा कोरोगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (एचसीबीएमए) ने जीएसटी 2.0 के नए बदलावों को पैकेजिंग उद्योग के लिए घातक बताते हुए गंभीर चिंता जताई है।
एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने तैयार माल यानी कोरोगेटेड बॉक्स पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है, जबकि कच्चे माल क्राफ्ट पेपर व पेपर बोर्ड पर टैक्स 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। इससे उद्योग पर लगभग 13 फीसदी का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ गया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सनी जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोर टीम सदस्य अनिल कठुरिया, राजेश मलिक, राव सलीम, अभिषेक जैन, रविंदर मलिक और अजय जैन मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि टैक्स असमानता के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड नहीं मिल पा रहा, जिससे वर्किंग कैपिटल फंस रही है और लागत 5-7 फीसदी तक बढ़ गई है।
उन्होंने बताया कि देशभर में करीब 20 हजार एमएसएमई इकाईयां इस उद्योग से जुड़ी हैं और लगभग 10 लाख लोग प्रत्यक्ष रोजगार पाते हैं। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि पैकेजिंग उद्योग की सेहत बिगड़ने का सीधा असर फार्मा, एफएमसीजी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन पर पड़ेगा। बाक्स महंगे होने से उपभोक्ता तक पहुंचने वाले सामान की कीमत भी बढ़ना तय है।
एसोसिएशन की मांग
एसोसिएशन ने सरकार से कच्चे और तैयार माल पर जीएसटी दरों में समानता लागू करने, रिफंड प्रक्रिया को सरल और एमएसएमई हितैषी बनाने की अपील की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अवगत कराया गया है और वित्त मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर पैकेजिंग उद्योग को राहत देने की मांग रखी गई है।
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