Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान की बढ़ीं मुश्किलें, अदालत ने 7 दिन के लिए भेजा जेल

    Updated: Tue, 20 May 2025 05:58 PM (IST)

    अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के आरोप में कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान पुलिस ने रिमांड बढ़ाने की मां ...और पढ़ें

    Hero Image
    अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर टिप्पणी करने के आरोपित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दो दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने पर मंगलवार को जुडिशियल मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान सरकारी वकील अनुज मलिक ने कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग की। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि अभी प्रोफेसर अली का मोबाइल और लैपटॉप रिकवर किया गया है जिसे सील करने के बाद जांच के लिए पंचकूला भेजा गया है।

    इसकी जांच के लिए समय चाहिए। साथ ही प्रोफेसर अली और उनकी पत्नी का ओरिजिनल पासपोर्ट भी चाहिए जबकि उनके वकीलों की ओर से अभी फोटो कॉपी उपलब्ध करवाई है।

    ये भी पढ़ें-

    प्रोफेसर अली खान के कई ठिकानों की ली तलाशी, मोबाइल और लैपटॉप जब्त; ऑपरेशन सिंदूर पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

    विदेश यात्राओं के बारे में करनी है पूछताछ- सरकारी वकील

    सरकारी वकील ने आगे कहा कि प्रोफेसर अली खान ने 40 देशों की विदेश यात्राएं की हैं जिनके संबंध में पूछताछ करनी है। उनके मोबाइल से विदेश में कॉल की जाती रही है जिसका उत्तर भी मैच करना है उसकी भी जांच की जानी है।

    वहीं, प्रोफेसर अली खान की ओर से पेश हुए उनके वकील एडवोकेट कपिल देव और 10-12 अन्य वकीलों ने अपने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि पुलिस 2 दिन में उनका मोबाइल और लैपटॉप रिकवर कर चुकी है।

    अस्पताल में भर्ती हैं खान की पत्नी

    पासपोर्ट और प्रोफेसर अली खान के दो बैंक खातों की डिटेल उनको उपलब्ध करवाई जा चुकी है। प्रोफेसर अली खान की पत्नी गर्भावस्था के अंतिम दौर में हैं। प्रोफेसर की पत्नी को देखभाल की जरूरत है। वह अस्पताल में भर्ती हैं, इसलिए रिमांड न बढ़ाई जाए।

    वकील कपिल देव ने कहा कि प्रोफेसर अली ने पासपोर्ट नंबर के आधार पर जो विदेश यात्राएं की हैं, उनकी डिटेल विदेश मंत्रालय की वेबसाइट से निकल सकती है। न्यायाधीश आजाद सिंह ने दोनों पक्षों के वकीलों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।