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    Professor Ali Khan: जज के सामने प्रोफेसर अली और सरकारी वकीलों में कहासुनी, फिर आगे जो हुआ...

    Updated: Wed, 21 May 2025 01:05 PM (IST)

    सोनीपत अदालत में अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान के समर्थन और विरोध में वकीलों के बीच बहस हुई। अली खान को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। पुलिस की रिमांड मांग खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जरूरत होने पर नया आवेदन दिया जा सकता है।

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    वकील और सरकारी वकीलों के समूह बीच कहासुनी हो गई। जागरण फोटो

    नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी करने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान के समर्थन व विरोध में इंटरनेट मीडिया से लेकर अन्य मंचों पर आवाज उठ रही है। अदालत कक्ष भी अछूता नहीं रहा।

    मंगलवार को अली खान को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की अदालत में पेश किया गया, तो उनके वकील और सरकारी वकीलों के समूह बीच कहासुनी हो गई। अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील के पक्ष में 10-12 साथी अधिवक्ता कोर्ट में आ गए।

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    एक वकील के बीच में कुछ कहने पर अली खान के वकील कपिल देव ने टोका तो दोनों पक्षों के वकीलों में कहासुनी होने लगी। अन्य वकीलों ने भी इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताकर कोर्ट से रिमांड देने की मांग की। इस पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने कहा कि रिमांड अदालत को देना है।

    उन्होंने दोनों पक्षों के मुख्य वकील और जांच अधिकारी को छोड़कर सभी को बाहर जाने का आदेश दिया। बाहर आने के बाद भी दोनों पक्षों के वकीलों में कहासुनी होने लगी। पुलिसकर्मियों ने सभी को वहां से हटाते हुए मामला किसी तरह शांत कराया।

    कोर्ट ने कहा- फिर रिमांड की जरूरत हो तो दे सकते हैं नया आवेदन 

    पुलिस की रिमांड संबधी मांग को खारिज करते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने कहा कि जांच के दौरान दोबारा रिमांड की जरूरत महसूस हो तो नया आवेदन दिया जा सकता है। अली खान के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल मधुमेह से पीड़ित हैं। उन्हें दवा की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने चिकित्सक की सलाह पर स्वजन की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली मधुमेह की दवा अली खान तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के आदेश दिए।

    न्यायिक हिरासत में भेजे जाने पर मिली राहत 

    पेशी के दौरान अली खान से मिलने उनके स्वजन, साथी प्रोफेसर और विद्यार्थी कोर्ट पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनके वकील को छोड़कर किसी को मिलने नहीं दिया। इनको आशंका थी कि अली खान को दोबारा पुलिस रिमांड पर दिया जा सकता है। कोर्ट ने अली खान को जेल भेजने के आदेश दिए तो सभी के चेहरों पर सुकून दिखा। कश्मीर से प्रोफेसर के ससुर इफ्तियार अली और सास भी कोर्ट परिसर पहुंचीं।

    इंटरनेट मीडिया पर चला रहे प्रोफेसर के समर्थन की मुहिम

    अशोका यूनिवसिर्टी के विद्यार्थी और प्रोफेसर अली खान के समर्थन में इंटरनेट मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं। फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पर दर्जनों ऐसी पोस्ट की जा रही हैं, जिनमें यही लिखा होता है कि प्रो. अली खान अपनी पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं कहा है। दिल्ली से पहुंचे उनके दोस्त ने बताया कि प्रो. अली बेकुसूर हैं। मुस्लिम होने के कारण पुलिस ने उन्हें फंसा दिया है।

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