Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश, CSIR-UGC NET परीक्षा में पास कराने के नाम पर करते थे ठगी; 2 अरेस्ट और मास्टरमाइंड फरार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 10:42 AM (IST)

    सोनीपत में रोहतक के दो भाई धीरज और नीरज सॉल्वर गैंग चलाते थे। सीएम फ्लाइंग की टीम ने गोहाना में सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा में पास कराने का झांसा देक ...और पढ़ें

    Hero Image

    सॉल्वर गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार हुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोहाना (सोनीपत)। हरियाणा में एक बड़े सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश हुआ है। सोनीपत में रोहतक के गांव करौंथा के सगे भाई धीरज धनखड़ व नीरज इस सॉल्वर गैंग को चलाते थे। उन्होंने अपने गैंग में कुछ युवाओं को जोड़ रखा था। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोहाना में सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूलने के प्रयास करने वाले इस गैंग का सीएम फ्लाइंग की टीम ने भंडाफोड़ किया। इससे सामने आया कि गैंग के तीन दलाल अभ्यर्थी ढूंढ कर लाते थे।

    पुलिस की जांच में पता चला कि मास्टरमाइंड धीरज फरार है, जबकि पुलिस उसके भाई धीरज व उनके गांव के सचिन को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। धीरज धनखड़ रोहतक में प्राइवेट शिक्षण संस्थान में काम करता है। उसका भाई नीरज दिल्ली सरकार में कर्मचारी है, जबकि उसके गांव का सचिन आर्मी में कार्यरत है।

    WhatsApp Image 2025-12-23 at 10.18.22

    धीरज व नीरज ने अपने गैंग में गांव के सचिन को भी जोड़ लिया था। इसके साथ में पवन भारद्वाज व गांव मुंडलाना का आशीष भी उनके लिए काम करते थे, जो अभ्यर्थियों को ढूंढकर लाते थे। 17 दिसंबर को पवन व आशीष ने ही 37 अभ्यर्थियों को सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर गोहाना के गांव चिड़ाना में चल रही कबड्डी अकादमी में पहुंचाने में मदद की थी।

    बताया गया कि अकादमी में नीरज व सचिन पहले से मौजूद थे। नीरज के भाई धीरज ने उसके मोबाइल पर प्रश्नपत्र भेजे थे, जिनकी प्रिंटर से फोटो प्रतियां निकालकर अभ्यर्थियों को दी थी। परीक्षा पास कराने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से तीन-चार लाख में सौदा तय किया गया था।

    सूचना मिलने पर सीएम फ्लाइंग रोहतक की टीम एसआई कर्मवीर के नेतृत्व में वहां पहुंच गई थी। सदर थाना गोहाना की पुलिस को साथ लिया था। वहां पर पुलिस को प्रश्नपत्र हल करते हुए 37 अभ्यर्थी मिले थे। ये प्रश्नपत्र नीरज व सचिन ने उपलब्ध कराए थे और कहा था कि 18 दिसंबर को परीक्षा में यही आएंगे।

    WhatsApp Image 2025-12-23 at 10.18.21

    वहीं, पुलिस जांच में सामने आया था कि अभ्यर्थियों को जो प्रश्नपत्र दिए थे वे अगले दिन हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र से मेल नहीं खाते थे। पुलिस ने धीरज, नीरज, सचिन, पवन भारद्वाज व आशीष के विरुद्ध केस दर्ज किया है। सचिन व नीरज को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है, जबकि मास्टरमाइंड धीरज और गैंग से जुड़े दलाल पवन व आशीष फरार हैं। इस मामले में एसआईटी गठित हो चुकी है, जो आरोपियों की तलाश करते हुए गैंग से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटा रही है।

    अभ्यर्थियों को दिए थे इन विषयों के प्रश्नपत्र

    16 अभ्यर्थियों को केमिस्ट्री और 21 को लाइफ साइंस विषय के ए और बी सेट के प्रश्नपत्र दिए गए। उन्हें कहा गया था कि 18 दिसंबर को परीक्षा में यही पेपर आएगा। उनके आधार पर अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए अभ्यास भी शुरू कर दिया था। पुलिस ने अभ्यर्थियों से प्रश्नपत्र जब्त किए थे। साथ में एक लैपटॉप, प्रिंटर व मोबाइल बरामद किए थे।

    पुलिस ने पांच दिन दबाए रखा मामला

    पुलिस ने इस मामले को पांच दिन तक दबाए रखा और किसी को भनक नहीं लगने दी। 22 दिसंबर को यह मामला सामने आया तो पुलिस अधिकारी मीडिया के सामने आकर बोले। अधिकारी इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दे रहे हैं, जबकि अन्य की भूमिका भी संदिग्ध है।

    गांव चिड़ाना में जिस कबड्डी अकादमी में पेपर सॉल्वर गैंग का घटनाक्रम उजागर हुआ है, वहां पर पहले रायत बाहरा इंस्टीट्यूट के नाम से इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहा है। यह संस्थान कई साल से बंद है और डेढ़ माह पहले कबड्डी अकादमी शुरू की थी। यह संस्थान रोबिन खोखर भी जुड़ा है। रोबिन खोखर पहले से पेपर लीक मामलों का मास्टरमाइंड रह चुका है।

    यह भी पढ़ें- सोनीपत में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट पर हुए इलाज से 10 साल की बच्ची का अंग हुआ खराब; आरोपी डॉक्टर हिरासत में

    चिड़ाना के मामले में फिलहाल पुलिस उसकी भूमिका न होने की बात कह रही है, लेकिन क्षेत्र में चर्चाएं इसके विपरीत है। रोबिन फिलहाल जमानत पर है और संस्थान में तीन माह पहले बड़े स्तर पर हवन करवा चुका है। इसके बाद भी उसका यहां कई बार आना-जाना हुआ है।