अरविंद केजरीवाल चौथी बार सोनीपत कोर्ट से नदारद, यमुना में जहर मिलाने के बयान पर चल रहा मुकदमा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यमुना नदी में जहर मिलाने के आरोप से जुड़े एक मामले में सोनीपत कोर्ट में पेश नहीं हुए। यह चौथी बार है जब वे कोर्ट में नहीं आए। अदालत ने नाराजगी जताई और उनके वकील को अगली सुनवाई पर उन्हें पेश करने का निर्देश दिया, जो 17 जुलाई को होगी। यह मामला 2018 का है, जब केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाया था।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, सोनीपत। हरियाणा में यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के बयान को लेकर दायर याचिका के विरुद्ध दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल चौथी सुनवाई में भी पेश नहीं ह़ुए। मामले में फिलहाल स्पेशल न्यायालय की मांग को लेकर सुनवाई चल रही है। जिसमें सरकारी अधिवक्ता आपत्ति जता चुके है। जिसका जवाब दाखिल किया जाना है। जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। जिसके बाद अब आगामी तारीख 18 फरवरी, 2026 तक की गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राई जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने सोनीपत की अदालत में केस दायर किया था। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे आसपास के गांवों के लोगों की एक भीड़ सिंचाई विभाग के परिसर में एकत्र हुई और पूछताछ करने लगी कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर क्यों डाला है?
इस जहर से कई लोगों और जानवरों की मौत हो सकती है। जब लोगों से पूछा गया कि उनकी जानकारी का स्रोत क्या है? इस पर कुछ लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो दिखाई, जिसमें अरविंद केजरीवाल यह बयान देते नजर आ रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है। इसके बाद उनकी तरफ से केस दायर किया गया था।
सीजीएम नेहा गोयल की अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई की चौथी तारीख पर भी अरविंद केजरीवाल न्यायालय नहीं पहुंचे। उनकी टीम ऑफ एडवोकेट ने उनकी तरफ से आब्जेक्शन एप्लीकेशन लगाई थी। जिसका जवाब सरकारी अधिवक्ता की ओर से दिया जाना है।
मामले को देख रहे सरकारी अधिवक्ता भुवेश का तबादला हो चुका है। अब नए अधिवक्ता को केस की पैरवी दी गई है। जिसने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। जिसके चलते मामले में अब अगली तारीख तय की गई है।
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