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    रूप बसंत का नाटक देख दर्शकों की आंखें हुई नम

    By Edited By:
    Updated: Tue, 04 Oct 2016 06:16 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, गोहाना: पुरानी सब्जी मंडी स्थित सनातन धर्म मंदिर शिवाला मस्त नाथ में रामलीला के

    जागरण संवाददाता, गोहाना:

    पुरानी सब्जी मंडी स्थित सनातन धर्म मंदिर शिवाला मस्त नाथ में रामलीला के मंचन के चौथे दिन सीता स्वयंवर हुआ। इसके बाद कन्यादान की रस्म भी हुई। बाद में रूप बसंत के नाटक का मंचन हुआ। नाटक देखकर दर्शकों की आंखें नम हो जाती गई।

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    रूप बसंत नाटक में राजा भरतरी के दो पुत्र रूप व बसंत होते हैं। कुछ दिनों बाद भरतरी की पत्नी का देहांत हो जाता है। राजा भरतरी दूसरी शादी कर लेते हैं। राजा की दूसरी पत्नी रूप व बसंत के साथ सौतेला व्यवहार करती है। सौतेली मां षड्यंत्र के तहत दोनों बेटों को राज्य से बाहर करा देती है। जिससे दोनों भाई बिछड़ जाते हैं। रूप को एक राजा का राज्य मिल जाता है और बसंत को एक गरीब की झोपड़ी। बसंत अपनी छोटी बहन को राजा रूप के पास भेज देता है। उसकी बहन उसे कहानी सुनाती है। राजा समझ जाता है और दोनों भाई फिर से मिल जाते हैं। यह दृश्य देख दर्शकों की आंखें नम हो गई। उधर रामलीला मंचन में सीता स्वयंवर हुआ। स्वयंवर में राम शिव धनुष को खंडित करते हैं और सीता उनके साथ फेरे लेती है। इस मौके पर अधिवक्ता विनोद अग्रवाला, प्रवीण गोयल, सतीश गुलिया, रामनिवास सैनी, हिमांशु वर्मा आदि मौजूद रहे। दूसरी तरफ मुगलपुरा स्थित टीटू धर्मशाला में सनातन धर्म मंदिर श्रीरामलीला कमेटी गोहाना द्वारा रामलीला का मंचन कराया गया। वहां ताड़का वध को दिखाया गया।

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