सिरसा में लखबीर सिंह हत्याकांड के तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, 25-25 हजार जुर्माना; 5 साल बाद आया फैसला
सिरसा में लखबीर सिंह हत्याकांड के तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषियों ने पराली की गांठों के विवाद में गुरभेज सिंह की हत्या करने की योजना बनाई थी लेकिन गलती से लखबीर सिंह की हत्या कर दी। अदालत ने पांच साल बाद अपना फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, सिरसा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीष जिंदिया ने रानियां के गांव संतनगर में लखबीर सिंह हत्याकांड के तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दाेषियों को कोर्ट ने 25-25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है जिसकी अदायगी न करने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
तीनों दोषी राधेश्याम, शंकर और उमेश को गत 30 सितंबर को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे उप जिला न्यायवादी पलविंदर सिंह ने बताया कि पांच दिसंबर 2019 को गांव संतनगर के गुरु प्यार सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि उसके खेत में बने कोठे के बाहर लखबीर सिंह का शव पड़ा है।
लखबीर निवासी श्री मुक्तसर साहिब उसके खेत से पराली की गांठें उठाने का काम करता था। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो शंकर कुमार, राधेश्याम और उमेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपितों ने बताया कि उनकी पराली की गांठों को लेकर मुक्तसर के कोट भाई निवासी गुरभेज सिंह उर्फ पोहलू के साथ हाथा पाई हो गई थी।
पोहलू ने शंकर कुमार को थप्पड़ मारा था। इसके बाद बीच बचाव होने पर हम सभी अपने टयूबवेल पर चले गए। रात को खाना खाया, लेकिन शंकर का दिन वाले घटनाक्रम के कारण गुस्सा नहीं गया। इसलिए हमने पोहलू को मारने की योजना बनाई और उसके कोठे पर चले गए। हमें पता था कि पोहलू कमरे के बाहर सोता है।
शंकर ने कोठे के बाहर सोए हुए व्यक्ति पर तेजधार हथियार से हमला किया। इसके बाद वे तीनों राजस्थान भाग गए। बाद में हमें पता चला कि कमरे के बाहर गुरभेज सिंह उर्फ पोहलू के स्थान पर उसका दोस्त लखबीर सिंह सोया हुआ था। पुलिस ने आरोपितों से वारदात में उपयोग किया गया कुल्हाड़ा, लोहे का सरिया बरामद कर लिया था। पांच साल चली अदालती कार्रवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोषियों को सजा सुनाकर मामले का निपटारा कर दिया।
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