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    सिरसा: पेठा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से हड़कंप, धमाके से एक महिला और दो बच्चे घायल; इलाके में दहशत

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:57 PM (IST)

    सिरसा के खाजाखेड़ा रोड पर एक पेठा फैक्ट्री का बॉयलर फटने से हड़कंप मच गया। धमाके से फैक्ट्री शेड और आसपास के मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जिसमें एक महिला औ ...और पढ़ें

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    पेठा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से हड़कंप

    जागरण संवाददाता सिरसा। शहर के खाजाखेड़ा रोड के निकट रिहायशी क्षेत्र में स्थापित एक पेठा फैक्ट्री में मंगलवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब फैक्ट्री का बॉयलर अचानक फट गया। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री परिसर में लगे शेड टूटकर गिर गए और आसपास स्थित मकानों को भी नुकसान पहुंचा।

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    इलाके में दहशत का माहौल

    इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बॉयलर के फटने से उसका एक भारी हिस्सा उड़कर पास ही स्थित एक मकान की छत को तोड़ता हुआ नीचे आ गिरा। यह टुकड़ा घर में खड़े सीएनजी वाहन पर जा गिरा, जिससे वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। 

    वहीं, छत पर धूप में आराम कर रही पड़ोसी महिला के सिर में गंभीर चोट आई। हादसे में दो बच्चे भी घायल हुए हैं। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को तुरंत उपचार के लिए नागरिक अस्पताल सिरसा में भर्ती करवाया।

    '8 साल से चल रही अवैध फैक्ट्री'

    स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह फैक्ट्री पिछले करीब आठ साल से रिहायशी क्षेत्र में नियमों के खिलाफ संचालित की जा रही है। कई बार इसकी शिकायत प्रशासन से की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को जब घटना के बाद मौके पर पत्रकार और लोग पहुंचे तो फैक्ट्री संचालक के साथ उनकी कहासुनी और झड़प भी हुई, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। 

    प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल

    समाजसेवी सुशील सैनी ने कहा कि रिहायशी इलाके में इस तरह की फैक्ट्री का संचालन न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि आम लोगों की जान के लिए भी बड़ा खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिसका नतीजा इस तरह की घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है। 

    फैक्ट्री को तत्काल बंद करने की मांग

    घटना के बाद क्षेत्रवासियों में भारी रोष है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि रिहायशी क्षेत्रों में चल रही ऐसी फैक्ट्रियों को तत्काल बंद कर उन्हें शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। गनीमत रही कि बॉयलर फटने की इस घटना में कोई जानमाल की बड़ी हानि नहीं हुई, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।