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    सिरसा की बेटी और पैरा-एथलीट ज्योति बनीं राष्ट्रीय गौरव, राष्ट्रपति मुर्मु ने सौंपा 2025 बाल पुरस्कार

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 01:41 PM (IST)

    सिरसा की ज्योति को 2025 का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। ज्योति एक पैरा-एथलीट हैं और ...और पढ़ें

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    सिरसा की ज्योति को इस वर्ष का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (फोटो: सोशल मीडिया)

    जागरण संवाददाता, सिरसा। जिले के ऐलनाबाद क्षेत्र की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय पैरा-एथलीट ज्योति को शुक्रवार को नई दिल्ली में वर्ष 2025 का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया गया।

    राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने ज्योति को यह पुरस्कार सौंपा। खेल के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों, अदम्य साहस और प्रेरणादायी संघर्ष के लिए ज्योति का चयन किया गया है।

    यह सम्मान न केवल एक खिलाड़ी की सफलता, बल्कि आत्मविश्वास और संकल्प की जीत के रूप में देखा जा रहा है। जन्म से एक पैर छोटा होने के बावजूद ज्योति ने कभी अपनी शारीरिक चुनौती को कमजोरी नहीं बनने दिया।

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    जवाहर नवोदय विद्यालय, ओढां की छात्रा ज्योति ने बचपन से ही खेलों में रुचि दिखाई। चलने में कठिनाई के बावजूद उन्होंने कृत्रिम पैर की सहायता से प्रशिक्षण शुरू किया और धीरे-धीरे पैरा-एथलेटिक्स में अपनी अलग पहचान बनाई।

    अप्रैल 2022 में उन्हें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए आयोजित विशेष शिविर में चयन मिला, जहां से उनके खेल करियर को नई दिशा मिली। ज्योति की मेहनत का असर जल्द ही दिखने लगा।

    2023 में रोहतक में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने शाटपुट और जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीते। इसके बाद गुजरात में राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में शाटपुट में स्वर्ण और जैवलिन में रजत पदक हासिल किया।

    दिसंबर 2023 में थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने जैवलिन और शाटपुट में रजत तथा डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।

    2024 में बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में ज्योति ने शाटपुट और डिस्कस थ्रो में रजत पदक जीते।

    इसके बाद थाईलैंड में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैवलिन में स्वर्ण और डिस्कस में रजत पदक जीतकर अपनी क्षमता का फिर प्रमाण दिया। अब वह 2025 में दुबई में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटी हैं।

    ज्योति की अब तक की उपलब्धियां

    - राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 से अधिक पदक

    - शाटपुट, डिस्कस थ्रो और जैवलिन थ्रो में निरंतर सफलता

    -अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक

    - विशेष प्रशिक्षण शिविरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चयन

    ज्योति के पिता विजयपाल ड्राइविंग का काम करते हैं। उनका कहना है कि बेटी की पहली स्वर्ण सफलता के बाद ही विश्वास हो गया था कि वह आगे बहुत कुछ हासिल करेगी।