'फ्रॉडी है, फ्रॉडी है दुनिया...', डेरा प्रमुख ने गाया भजन; अनुयायियों को सुनाया सत्संग, दे दिया यह खास संदेश
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने नए भजन फ्रॉडी है... फ्रॉडी है दुनिया के माध्यम से देश का रुपया लेकर विदेश भागने वाले उद्योगपतियों और कई देशों में चल रही फ्रॉडी सरकारों पर तंज कसा है। उन्होंने सीरिया के तानाशाह के देश छोड़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि फ्रॉडी हर जगह है। डेरा प्रमुख ने अनुयायियों को सप्ताह में एक दिन उपवास रखने का प्रण दिलाया।

जागरण संवाददाता, सिरसा। फ्रॉडी है... फ्रॉडी है दुनिया, जहां ज्यादातर लोग फ्रॉडी हैं, कोई पैसे लेकर भाग गया तो घोड़े को बना देते खच्चर, फ्रॉडी है... फ्राडी है दुनिया...। 2023 में लिखे अपने इस भजन को गाकर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने देश का रुपया लेकर विदेश भागने वाले उद्योगपतियों पर तंज कसा। साथ ही कई देशों में फ्रॉडी सरकारें चलने का जिक्र किया। इसमें सीरिया के तानाशाह के देश छोड़ने का उदाहरण दिया।
उन्होंने रविवार को सिरसा डेरे से ऑनलाइन ही अपने अनुयायियों को गुरुमंत्र दिया। 642 जगहों पर बैठे अनुयायियों को सत्संग सुनाया। इसमें देश के अलग-अलग स्थानों पर बने 342 डेरों, जबकि बाकी 300 जगह विदेशों में लाइव प्रसारित होने का दावा किया गया।
डेरा प्रमुख ने सत्संग की शुरुआत पौने 12 बजे भजन सुनाकर की थी। डेरे की अस्थियों पर पौधा लगाने की मुहिम को विदेशों में भी अपनाने का दावा भी डेरा प्रमुख ने किया।
कनाडा में भी लगाए जा रहे अस्थियों पर पौधे
एक घंटे के सत्संग में कहा कि 2011 में नदियों में अस्थियां न विसर्जित करने की मुहिम डेरा ने चलाई थी। अब तक पांच हजार के करीब अनुयायी अपने स्वजन की अस्थियां जमीन में दबाकर उस पर पौधा लगा चुके हैं। इसे साइंस ने भी सराहा है।
इस मुहिम को तीन देश अपना चुके हैं। 2015 में दक्षिण अमेरिका, 2017 में यूके और 2020 में कनाडा में भी अब अस्थियों पर पौधा लगाए जा रहे हैं। यह मुहिम डेरे ने नदियों को दूषित होने से बचाने के लिए चलाई थी। डेरा प्रमुख ने अनुयायियों को सप्ताह में एक दिन उपवास रखने का प्रण दिलाया।
डेढ़ बजे सत्संग के बाद दोपहर तीन बजे शाह सतनाम अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल चाल जाना।
कई देशों में चल रही हैं फ्रॉडी सरकारें
साथ ही डेरे में जाकर अपनी आंखें, दांत, अल्ट्रासाउंड और रक्त जांच करवाई। अस्पताल में जाकर उसने छह शादियां करवाई। इसके बाद शाम को वह अपने तेरावास गुफा में चला गया।देश का रुपया लेकर विदेश भाग गएगुरमीत सिंह ने कहा कि हमारा देश कभी सोने की चिड़िया होता था।
अंग्रेज हमारे देश से बहुत धन ले गए। अब कुछ लोग भी देश का रुपया विदेश लेकर भाग गए। ये सब फ्राडी हैं। कई देशों में फ्राडी सरकारें चल रही है।
घोड़े-खच्चर की सुनाई कहानी
सीरिया का तानाशाह जब भागा तो उसके घर से भी बहुत कुछ मिला। कई देशों में आज भी फ्राडी सरकारें चल रही है। देश में जो ईमानदारी से सरकार चला रहे हैं, उनको हमारा साधुवाद।
घोड़े-खच्चर और खजूर की सुनाई कहानी गुरमीत ने अपने भजन में अनुयायियों को घोड़े और खच्चर की कहानी सुनाई कि किस तरह चार लोग एक व्यक्ति को उसके घोड़े को खच्चर बताकर उसे ठगते हैं और खच्चर के भाव में उस व्यक्ति से घोड़ा खरीद लेते हैं।
इसी प्रकार से एक व्यक्ति सस्ती खजूर के चक्कर में पेड़ पर तो चढ़ जाता है, लेकिन जब भगवान को उसका हिस्सा देने की बात आती है तो वह मुकर जाता है। तूफान आने पर नीचे गिरता है तो उसे अपनी गलती का अहसास होता है।
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