'हर 20 KM की दूरी पर कॉलेज...', कुमारी सैलजा ने जताई नाराजगी; बोलीं- जनता को गुमराह कर रही है सरकार
सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेजों में लेक्चररों की कमी पर कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश कॉलेज अतिथि प्राध्यापकों और एक्सटेंशन प्राध्यापकों पर निर्भर हैं। प्रदेश के कॉलेजों में आधे से ज्यादा प्राध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। कुमारी सैलजा ने सरकार से शिक्षा पर ध्यान देने और सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेजों में लेक्चररों की कमी पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अधिकतर कॉलेजों में अतिथि प्राध्यापकों और एक्सटेंशन प्राध्यापकों से काम चलाया जा रहा है।
प्रदेश के कॉलेजों में आधे से ज्यादा प्राध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में सरकार जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुंचा रही है। कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना है तो सरकार को शिक्षा पर ध्यान देते हुए सभी रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए, ताकि उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करना पड़े।
दूसरी ओर उन्होंने कहा कि हर 20 किलोमीटर पर छात्राओं के लिए कॉलेज की घोषणा भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। झूठी घोषणाएं कर सरकार जनता को गुमराह कर रही है।
'नई शिक्षा नीति के भी कोई मायने नहीं'
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेजों में शिक्षक नहीं हैं, इन्फ्रास्ट्रक्वचर नहीं है तो ऐसे में नई शिक्षा नीति के भी कोई मायने नहीं है।
प्रदेश में 184 सरकारी और 97 एडिड कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में लेक्चरर के 7986 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 3358 पदों पर ही नियमित लेक्वरर काम कर रहे हैं, जबकि 2058 पदों पर गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर कार्यरत हैं।
कालेजों में लेक्चरर के 55 प्रतिशत पद खाली
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म कर प्रदेश के युवाओं का भविष्य खराब करने पर तुली है। सरकारी स्कूलों में जहां अध्यापकों समेत अन्य सुविधाओं की भारी कमी है।
वहीं आरटीआइ में मिली जानकारी के अनुसार उच्चतर शिक्षा विभाग की स्थिति काफी निराशाजनक बनी हुई है। हरियाणा के 281 कालेजों में लेक्चरर के करीब साढ़े चार हजार पद खाली पड़े हैं, जिनकी संख्या कुल स्वीकृत पदों के 55 प्रतिशत से ऊपर बनती है।
'कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं'
अभय चौटाला ने आरटीआई के हवाले से कहा कि कॉलेजों में जो 45 प्रतिशत नियमित लेक्चरर पढ़ा रहे हैं, उनमें से भी 60 प्रतिशत से ऊपर अतिथि और एक्सटेंशन लेक्चरर हैं। करीब सौ एडेड कालेजों में 39 प्रिंसिपल ही नहीं हैं, जिनकी संख्या 40 प्रतिशत बनती है।
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