स्वामी रामदेव के खिलाफ रोहतक की अदालत ने जारी किया अरेस्ट वारंट
रोहतक की अदालत ने भड़काऊ भाषण के मामले में स्वामी रामदेव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उन पर यह कार्रवाई अदालत में पेश नहीं होने पर की है।
जेएनएन, रोहतक। स्थानीय अदालत ने योगगुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने राेहतक के एसपी को निर्देश दिया है कि स्वामी रामदेव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। स्वामी रामदेव के खिलाफ यह वारंट भड़काऊ भाषण देने के मामले में जारी किया गया है। वे कई बार निर्देश के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुए थे।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने स्वामी रामदेव के खिलाफ पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज कराने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। इस मामले में अदालत ने उनको कई बाद अदालत में पेश होने को कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। पिछली तारीख पर केवल पेश होने का वारंट जारी किया गया था।
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बुधवार को इस मामले पर हरीश गोयल की अदालत में सुनवाई शुरू हुई। आज भी जब स्वामी रामदेव पेश नहीं हुए तो अदालत ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया आैर स्वामी रामदेव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। अदालत ने रोहतक के एसपी को निर्देश दिया कि स्वामी रामदेव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें।
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यह है मामला
जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद रोहतक में सद्भावना सम्मेलन हुआ था। इसमें भाग लेने स्वामी रामदेव भी पहुंचे थे। आरोप है कि सम्मेलन में उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया। कांग्रेेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने इस संबंध में स्वामी रामदेव के खिलाफ मामला दजे कराने के लिए अदालत मेें याचिका दी।
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बत्रा ने आरोप लगाया कि सम्मेलन में अपने भाषण में स्वामी रामदेव ने कहा कि यदि उनके हाथ कानून से बंधे नहीं होते तो भारत माता की जय नहीं बोलने वाले लोगों के सिर कलम कर देते। पूर्व मंत्री बत्रा ने इसके लिए स्वामी रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
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