स्कूल में बच्चों को दाखिला दिलाना हैै तो जूते-सब्जियों के बिल दिखाओ
मुफ्त दाखिला देने के लिए निजी स्कूलों ने अभिभावकों और बच्चों को इस कदर तंग करना शुरू कर दिया है कि सुनकर भी कोई हैरत में पड़ जाए। जाने कैसे तंग किया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रोहतक। मुफ्त दाखिला देने के लिए निजी स्कूलों ने अभिभावकों और बच्चों को इस कदर तंग करना शुरू कर दिया है कि सुनकर भी कोई हैरत में पड़ जाए। अभिभावकों को चार पेज का फार्म दे दिया गया है इसमें उन्हें अपनी गरीबी साबित करनी है। मामलेे का खुलासा तब हुआ जब गोहाना रोड स्थित इंटरनेशनल भारती विद्यालय ने चार बच्चों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इसके बाद अभिभावक प्रशासन के पास पहुंचे। अधिकारियों को देख स्कूल ने बच्चों को तो बिठा लिया पर अभिभावकों को तगड़ा झटका दिया। जैसे ही अफसर स्कूल से गए तो अभिभावकों को चार पेज का फॉर्म थमा दिया। फॉर्म को देखकर ही अभिभावक अचरज में हैं कि आखिर गरीबी के प्रमाण कहां से लाएं। गरीबी ही नहीं दादा-दादी की आय, पते के साथ ही जूते, कपड़ों से लेकर अखबार और सब्जी तक के बिलों का हिसाब मांग लिया है।
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अभिभावक मोहित वर्मा और विजय कुमार का कहना है कि अधिकारियों के सामने दाखिले लेने की हामी भर दी, लेकिन उनके जाते ही फॉर्म दे दिया। साथ ही यह भी कह दिया कि फॉर्म भरकर लाओ और साथ में जो दस्तावेज लगाने हैं, वह पूरे हो जाएं तभी आना।
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मोहित ने बताया कि वह फर्नीचर की दुकान पर दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, जबकि विजय एक जूते की दुकान पर छह हजार मासिक वेतन पर नौकरी करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले तो बीपीएल के कार्ड बनवाने के लिए धक्के खाए, जबकि अब फॉर्म की शर्तों के मुताबिक दस्तावेज उसे कैसे भरें।

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