महिला आश्रम में प्रदान की जा रही है अनेक सुविधाएं : डीसी
- आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जाता है प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, रोहतक : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्थानीय महिला आश्रम संस्था का संचालन किया जा रहा है। इस आश्रम में विधवा व ऐसी निराश्रित महिला प्रवेश ले सकती हैं, जिसकी आयु 45 वर्ष से कम हो। विभाग द्वारा महिला आश्रम में रहने वाली महिलाओं को अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही है तथा उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि महिला आश्रम में प्रवेश लेने वाली महिला की पारिवारिक वार्षिक आय दो लाख 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। संस्था में दाखिला लेने वाली महिलाओं को रहने व बिजली तथा पानी की सुविधा मुफ्त दी जाती है। इसके अलावा समय-समय पर चिकित्सा जांच करवाई जाती है। विभाग द्वारा 1500 रुपये प्रति सदस्य प्रतिमाह राशन मनी दिया जाता है तथा अकेली महिला को 1700 रुपये प्रतिमाह राशन मनी उसके बैंक खाते में जमा करवाया जाता है। संस्था में प्रवेश लेनी वाली महिला/बाहरी गरीब महिलाओं को छह माह की अवधि का सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान कच्चा माल व 75 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाता है।
डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि महिला के लड़के की आयु 16 वर्ष होने के उपरांत उन्हें संस्था से बाहर भेजा जाता है व 16 वर्ष से ऊपर आयु के इच्छुक लड़के को राजकीय उत्तर रक्षा गृह सोनीपत पढ़ने के लिए भेजा जाता है, जिसकी पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है। संस्था की सवासी अपनी इच्छा से जैसे बच्चे बढ़े होने व कमाने योग्य होने पर संस्था छोड़कर जाती है या निष्कासित कर दी जाती है तो उस सवासी को उनके आश्रितों सहित छह माह की एकमुश्त ग्रांट दी जाती है ताकि वे बाहर जाकर अपने परिवार का अच्छे से पालन-पोषण कर सके।
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