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    PGIMS के MBBS घोटाले में हॉस्टल कर्मी गिरफ्तार, मुख्य आरोपियों से कई विद्यार्थियों का कराया था संपर्क; बड़े खुलासे की आशंका

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 11:24 PM (IST)

    रोहतक के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में परीक्षा घोटाले में शामिल एक हॉस्टल कर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने मुख्य आरोपी रोशन लाल से छात्रों का संपर्क कराया था। पुलिस ने 24 छात्रों और 17 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रिश्वत की रकम से आरोपी ने घर बनवाया। व्हाट्सएप के जरिए पेपर लीक किए गए थे।

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    एमबीबीएस घोटाले में हॉस्टल कर्मी गिरफ्तार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रोहतक।  पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के एनुअल और सप्लीमेंट्री परीक्षा घोटाले में शामिल एक हास्टल कर्मी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक,  मुख्यारोपित रोशन लाल से करीब छह से आठ विद्यार्थियों का संपर्क करवाया था।

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    हालांकि अभी पुलिस ये क्लीयर नहीं कर पाई की कितने पैसे एक विद्यार्थी के दिए गए हैं। पुलिस इस मामले में पहले मुख्यारोपित रोशन लाल समेत अन्य के घर से एग्जाम में प्रयोग की गई पेपर सिलाई मशीन और दो सेल फोन भी बरामद कर चुकी हैं।

    इस एग्जाम घोटाले में हरियाणा पुलिस ने 24 छात्रों और 17 कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। जिस कर्मचारी के घर से रुपये और अन्य सामान की बरामदगी हुई है, उसका नाम भी एफआइआर में शामिल है।

    रिश्वत के पैसे से घर बनवाया

    पुलिस ने दावा किया था कि यह नकदी एक निजी कालेज के एमबीबीएस छात्रों से उनकी उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ करके परीक्षा पास कराने के लिए रिश्वत के रूप में ली गई थी। नकदी आरोपी के पैतृक गांव स्थित घर में रखी गई थी।

    उसने कथित तौर पर रिश्वत की कुछ राशि का इस्तेमाल अपना घर बनवाने में किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने बाकी हैं।

    पुलिस ने दावा किया है कि वाट्सएप के जरिए लीक हुए परीक्षा के पेपर लेने के लिए दो फोन का इस्तेमाल किया गया था। ये पेपर यूएचएसआर के एक अन्य कर्मचारी ने भेजे थे, जो प्रोग्रामर के तौर पर काम करता था। उसने प्रति पेपर 30 हजार रुपए लिए थे।

    लीक हुए पेपर को एक कर्मचारी के घर पर हल किया गया और आंसर शीट को मुख्य आंसर शीट से बदला गया। इसके लिए गोपनीयता शाखा में तैनात एक अन्य कर्मचारी की मदद ली गई थी।