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    बच्चों का बौद्धिक विकास होना जरूरी : उपायुक्त

    By Edited By:
    Updated: Sat, 19 Jan 2013 04:30 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, रोहतक : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उनके शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। यह बात उपायुक्त विकास गुप्ता ने जारी एक बयान में कही। उपायुक्त विकास गुप्ता ने कहा कि समेकित बाल विकास योजना के तहत जिला में लगभग 950 आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे है। इन आगनबाड़ी केंद्रों में हजारों बच्चे को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को छ: मास से छ: साल तक के बच्चों को पाच रूपये व तीन रूपये के हिसाब से प्रतिदिन पूरक पोषाहार दिया जाता है। इन केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य की जाच भी कराई जाती है। इन केंद्रों के माध्यम से बच्चों को तपेदिक, गलघोटू, काली खांसी , टिटनेस, पोलियो, खसरा रोग से बचाव के टीके व गर्भवती महिलाओं को टिटनेस के टीके भी लगवाए जाते है। एएनएम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा दी जाती है और आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता व सहायिका घरों में जाकर बच्चों को केंद्रों में भेजने के लिए प्रेरित करती है। इन आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से माताओं को आगनवाड़ी केन्द्रों के उद्देश्य की जानकारी देकर उनके व बच्चों के विकास के लिए प्रेरित किया जाता है।

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