सड़कों पर टूटने से पहले ही चल गया कमीशन का ‘हथौड़ा’, सोनीपत से सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
रेवाड़ी शहर में सड़कों की हालत खराब है, कई सड़कें बनने के कुछ समय बाद ही टूट रही हैं। कुछ सड़कें, जो अभी भी ठीक हैं, उन्हें भी तोड़ा जा रहा है। सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया है।
-1761564828616.webp)
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। शहर के किसी भी एरिया में चले जाएं कही न कही सड़क टूटी मिल जाएगी। यह सड़कें मियाद (लाइफ) खत्म होने के बाद नहीं, बल्कि उससे पहले ही या तो घटिया सामग्री का प्रयोग होने से टूट गई या फिर नगर परिषद की ओर से नए सिरे से बनाने के लिए तोड़ दिया गया।
इनमें कुछ सड़कें ऐसी भी है, जिनकी हालत ठीक होने के बाद भी बिना किसी टेक्निकल रिपोर्ट के आधार पर तोड़कर दोबारा बनने का काम शुरू कर दिया। ‘दैनिक जागरण’ ने पड़ताल की तो सेक्टर-1, हनुमान मंदिर के सामने, वार्ड नंबर सात व वार्ड नंबर 28 की कुछ ऐसी सड़कों की जानकारी मिली जो करीब दो साल पहले ही बनी थी और फिलहाल उनकी हालत भी ठीक थी।
दरअसल, जनवरी 2026 में नगर परिषद का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। पिछले डेढ़ माह में शहर के अलग-अलग एरिया की सड़कों के 40 से ज्यादा टेंडर हो चुके हैं। काफी सड़कें हाल ही में बन भी चुकी है। कुछ सड़कों को तोड़कर बनाया जा रहा। जो सड़कें बन चुकी है। उनकी भी गुणवत्ता सवाल उठ रहे हैं।
ब्रास मार्केट में करोड़ों रुपये की लागत से बनी ब्रह्मगढ़ के सामने वाली पूरी सड़क पर रोड़िया निकलकर बाहर आ गई है। इन्हें छुपाने के लिए सीमेंट का घोल डाल दिया गया। मॉडल टाउन में अभी सड़क का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है और लोग गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।
टाइलों की पांच और तारकोल की सड़क की मियाद तीन साल
विशेषज्ञों की माने तो टाइलों की सड़क की पांच और तारकोल की सड़क की मियाद तीन साल तक होती है। सीसी रोड 20-20 साल तक नहीं टूटती। लेकिन अनुमान के मुताबिक, पांच से सात साल तक तो यह सड़कें बिल्कुल भी नहीं टूटनी चाहिए। इसी वजह से सबसे ज्यादा सीसी रोड की डिमांड होती है। पिछले चार-पांच सालों में शहर में सबसे ज्यादा सीसी रोड ही बने है। कुछ सीसी रोड तो ऐसे हैं, जो पांच साल में दो-दो बार बन गए।
दो साल पहले बनी सड़क तोड़ी, हालत भी ठीक थी
बड़ा तालाब स्थित हनुमान मंदिर के सामने करीब दो साल पहले सीसी रोड बना था। लेकिन अब इसे दोबारा तोड़कर बनाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि इस सड़क की हालत फिलहाल ठीक थी। कुछ इसी तरह वार्ड नंबर सात में पंजाबी धर्मशाला के पास और वार्ड नंबर 28 में दो-ढाई साल पुरानी सड़कों को तोड़कर कुछ दिन पहले ही नए सिरे से बनाया गया है।
नई सड़क बनाने में ऐसी जल्दबाजी चैंबर ही बंद कर दिए
सेक्टर एक में अंत्योदय भवन के सामने वाली सड़क की हालत ठीक थी। कुछ दिन पहले यहां भी सड़क को तोड़कर नए सिरे से सीसी रोड बनाया गया। ठेकेदार ने सड़क बनाने में ऐसी जल्दबाजी दिखाई कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर नंबर 103 व 108 के पास बनाए गए दोनों चैंबर ही बंद कर दिया। सड़क का लेवल भी ठीक नहीं है। कर्मवीर यादव सीएम नायब सैनी से लेकर तमाम अधिकारियों को पत्र लिखते हुए सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाये हैं।
यह भी पढ़ें- रेवाड़ी: उद्घाटन के चार महीने बाद भी नई जेल में नहीं शिफ्ट किए कैदी, पुरानी में क्षमता से दोगुने कैदियों की मजबूरी
अभी हाल में शहर में जितनी भी सड़कें बनी है, अगर उनकी सही से जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। नगर परिषद में ठेकेदारों से चार प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है। एक भी सड़क ऐसी नहीं है, जिसकी गुणवत्ता ठीक हो। यह सब मोटे कमीशन की वजह से हो रहा है। सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है। - हरिंद्र यादव, मीडिया प्रभारी, पर्यावरण जागरूक अभियान
वर्ष 2009 में जब इसी तरह सड़कों को तोड़कर नए सिरे से बनाया जा रहा था तो उस समय तत्कालीन डीसी टीएल सत्यप्रकाश ने टेक्निकल रिपोर्ट के आधार पर सड़कें बनाने का आदेश दिया था। अभी भी होना यही चाहिए कि किसी भी सड़क को बनाने से पहले टेक्निकल टीम को भेजकर उसकी रिपोर्ट मंगवाए, जिससे पता चल सके कि सड़क को बनाने की जरूरत है भी या नहीं। लेकिन अभी हाल में बन रही सड़कों में नियमों का ही नहीं बल्कि गुणवत्ता का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा। - मनोज यादव, पूर्व कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद
ठीक सड़कों को तोड़कर दोबारा से बनाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो इसे चेक कराकर जांच कराएंगे। नई बनी सड़कों की गुणवत्ता की भी जांच कराई जाएगी। - ब्रह्मप्रकाश अहलावत, डीएमसी

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।