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    रेवाड़ी: उद्घाटन के चार महीने बाद भी नई जेल में नहीं शिफ्ट किए कैदी, पुरानी में क्षमता से दोगुने कैदियों की मजबूरी

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:15 AM (IST)

    रेवाड़ी में नई जेल के उद्घाटन के चार महीने बाद भी कैदियों को पुरानी जेल से स्थानांतरित नहीं किया गया है। पुरानी जेल में क्षमता से दोगुने कैदी हैं, जिससे जेल प्रशासन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कैदियों की शिफ्टिंग में देरी का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन तकनीकी अड़चनों की आशंका है।

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    जेल की तकनीकी खामियों को ठीक करने में जुटा प्रशासन। जागरण

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। गांव फिदेड़ी में बनकर तैयार हुई एक हजार बंदियों को रखने की क्षमता वाली नई जेल में उद्घाटन के चार माह बाद भी बंदियों को शिफ्ट नहीं किया जा सका। जेल की तकनीकी खामियों को ठीक किया जा रहा है। हालांकि इस हाई सिक्योरिटी जेल में नवंबर के आखिरी तक सभी बंदियों को शिफ्ट करने की प्लानिंग तैयार हो चुकी है।

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    नई जेल में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें डाग स्क्वायड, सामान जांचने वाला स्केनर सिस्टम भी शामिल किया गया है।

    बता दें कि पुराना कोर्ट रोड स्थित पुरानी जिला जेल में 30 बंदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन यहां लंबे समय से क्षमता से अधिक करीब 70 बंदी रखे हुए हैं। यहां छोटे-मोटे अपराध करने वाले अपराधियों को रखा गया है। गैंग्स्टर और बड़े अपराधियों को गुरुग्राम की भोंडसी या नारनौल की नसीबपुर जेल में भेजा जाता है।

    सरकार की ओर से करीब 95 करोड़ रुपये की लागत से गांव फिदेड़ी में पचास एकड़ में नई जिला जेल का निर्माण कराया गया है, जिसकी क्षमता एक हजार कैदियों की है। करीब आठ साल में पूरे हुए निर्माण कार्य के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी की ओर से 15 जून को उद्घाटन किया गया था।

    लेकिन नई जेल में अभी भी अनेक तकनीकी खामियां पाई गई है, जिसके कारण पुरानी जेल के बंदियों को नई जेल में शिफ्ट नहीं किया जा सका है। इस जेल का निर्माण आधुनिक तकनीक के साथ किया गया है, जिसमें 4जी मोबाइल जैमर लगाया गया है। आधुनिक समय के साथ ही व्यवस्थाएं भी बदली है।

    अस्पताल भी बनकर तैयार

    इसके अलावा नई जेल में प्रशासनिक भवन के अलावा जेल परिसर में कैदियों के लिए 11 बैरक, दो सुरक्षा वार्ड, एक औद्योगिक स्थान, 30 बिस्तरों वाला अस्पताल, नियंत्रण कक्ष, कैंटीन और गोदाम बनाए गए हैं। इसके साथ ही इसमें 74 घर, एक वार्डर छात्रावास, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, पार्क और सामुदायिक केंद्र का भी निर्माण किया गया है।

    कोविड काल में शिफ्ट किए थे कैदी

    बता दें कि वर्ष 2021 में कोविड काल के दौरान नारनौल की नसीबपुर जेल में पाजीटिव हुए कैदियों को छह मई को फिदेड़ी में निर्मित इस जेल में लाया गया था। नौ मई की रात को बैरक नंबर-3 की ग्रिल को लोहे की आरी से काटकर 13 कुख्यात कैदी यहां से फरार हो गए थे।

    हालांकि कुछ समय बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में दो अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। ऐसे में जेल प्रशासन किसी तरह को कोई खतरा नही उठाना चाह रहा है।


    उद्घाटन के बाद जेल में कुछ कार्य बाकी रह गया था। अब लगभग सभी कार्य पूरा हो चुकी है। नवंबर के आखिरी सप्ताह तक बंदियों को नई जेल में रखने की व्यवस्था हो जाएगी।

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    राकेश लोचब, सहायक जेल अधीक्षक।