कैब चालक को गोली मारकर भागे पीएचडी और एमए के छात्र राजस्थान में करने वाले थे बड़ी वारदात! पुलिस कर रही जांच
रेवाड़ी में एक कैब चालक को गोली मारकर पीएचडी और एमए के छात्र फरार हो गए। पुलिस के अनुसार, वे राजस्थान में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बनीपुर चौक के समीप मंगलवार सुबह करीब पांच बजे ओला कैब के चालक संजय को गोली मारकर उसकी स्विफ्ट डिजायर कार व नकदी लूटने वाले दोनों आरोपित राजस्थान में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, पर लोकेशन ट्रेक होने की वजह से रेवाड़ी क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें बहरोड़ के पास गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के समय नशे में झूम रहे थे आरोपित
कार की तलाशी लेने पर पुलिस भी चौंक गई, उसमें दो पिस्टल, तीन मैगजीन व 89 कारतूस, जीपीएस ट्रैकर, जैमर जाम करने वाला यंत्र, चार मोबाइल व एक सिम कार्ड बरामद हुआ। आरोपितों की पहचान राजस्थान में अजमेर के रहने वाले देवांशु व उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले शुभम वर्मा के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के समय दोनों आरोपित अत्याधिक नशे की हालत में मिले, जिसकी वजह से पुलिस भी आरोपितों से ज्यादा कुछ नहीं उगलवा पाई है।
हथियार और जैमर खड़े कर रहे कई सवाल
दरअसल, आरोपित देवांशु संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता है। वह जयपुर विश्वविद्यालय से एस्ट्रोलाजी में पीएचडी कर रहा है और आजमगढ़ का रहने वाला शुभम वर्मा भी जयपुर से एमए की पढ़ाई के साथ ही यूजीसी नेट की तैयारी कर रहा था। देवांशु के पिता राजस्थान पुलिस में सेवानिवृत डीएसपी और खनन का व्यवसाय करते हैं, जबकि उसकी मां सरकारी शिक्षक है। शुभम वर्मा सामान्य परिवार से संबंध रखता है। हालांकि, अभी सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि आरोपितों को हथियार, जैमर व जीपीएस ट्रैकर कहां से मिले और उन्हें किस वारदात को अंजाम देना था।
पुरानी दिल्ली स्टेशन से जयपुर जाने के लिए बुक की कैब
उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला संजय दिल्ली में किराये पर रहकर अपनी स्विफ्ट डिजायर कार ओला कंपनी के माध्यम से चलाता है। सोमवार रात करीब एक बजे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के समीप से दो युवकों ने उसकी कार को जयपुर के लिए बुक किया था। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बनीपुर चौक के समीप करीब मंगलवार सुबह पांच बजे दोनों युवकों कार चालक संजय को पिस्टल दिखाकर कार छीनने का प्रयास किया, लेकिन संजय ने इसका विरोध तो आरोपितों से उसकी जांघ में गोली मार दी।
बहरोड़ के समीप पहाड़ियों से दोनों को दबोचा
इसके बाद रेवाड़ी शहर के ट्रामा सेंटर के नजदीक फेंक कर फरार हो गए। आरोपितों ने संजय से करीब 18 हजार रुपए भी छीन लिए थे। आस-पास के लोगों की मदद से संजय को ट्रामा पहुंचाया। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। गोली मारकर लूटपाट की सूचना मिलते ही कसौला थाना पुलिस व रेवाड़ी क्राइम ब्रांच की टीमें सक्रिय हो गई। इसी बीच पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने आत्मग्लानि होने पर संजय को फोन कर हालचाल भी पूछा था। पुलिस ने इस नंबर की लोकेशन और कैब के जीपीएस ट्रैकर से राजस्थान के बहरोड़ के समीप पहाड़ियों से दोनों को काबू कर लिया।
सनकी मिजाज देवांशु खुद को बताता है देशभक्त
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपित देवांशु सनकी मिजाज का है। स्वयं देशभक्त होने का दावा करता है। कार चालक को गोली मारने के बाद उसे उपचार के लिए ट्रामा सेंटर के समीप फेंक गए थे। उसके बाद देवांशु ने पीड़ित चालक को फोन कर उसका हालचाल भी पूछा। आरोपितों कार चालक को पिस्टल दिखाकर डराना चाहते थे, लेकिन संजय के विरोध करने पर छीना-झपटी में गोली चल गई। बाद में उसे आत्म ग्लानि हुई तो फोन किया।
लाल किला धमाके के बाद भी सुरक्षा में चूक
सोमवार रात को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बड़ी मात्रा में हथियार व अन्य प्रतिबंधित सामान लेकर हाईवे के रास्ते आरोपित करीब 85 किलोमीटर दूर रेवाड़ी की सीमा में पहुंच गए लेकिन उनकी किसी भी जगह न तो चैकिंग हुई और न ही किसी ने उन्हें टोका। वह भी तब जब 10 नवंबर शाम दिल्ली में लाल किला के समीप हुए आतंकी के बाद भी दिल्ली पुलिस ही नहीं बल्कि एनसीआर के अन्य जिलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त का दावा किया जाता रहा। ऐसे में पुलिस की जांच व खुफिया तंत्र की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। दोनों आरोपित पिस्टल, कारतूस व जीपीएस ट्रैकर, जैमर आदि सामान लेकर दिल्ली में भी काफी देर तक घूमते रहे और कहीं भी उनकी जांच नहीं हुई।
"कैब चालक को गोली मारकर लूटपाट करने वाले दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपितों के पास मिले उपकरणों से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। दोनों आरोपितों के अत्याधिक नशे ही हालत में होने की वजह से ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई है।"
-सुरेंद्र श्योराण, डीएसपी, बावल।
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