नगर परिषद में भ्रष्टाचार की गूंज विधानसभा की पिटीशन कमेटी तक पहुंची, जांच कराकर एफआईआर के आदेश
रेवाड़ी नगर परिषद में भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा की पिटीशन कमेटी तक पहुंचा। गोवंशी और बंदर पकड़ने में गड़बड़ी, नालों की सफाई में लापरवाही और शौचालयों के रखरखाव में अनियमितताओं की शिकायत की गई। कमेटी ने एक महीने में जांच कर रिपोर्ट देने और गोवंशी पकड़ने वाली फर्म से रिकवरी के साथ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। डीसी को नालों की सफाई की जांच सौंपी गई है।

जांच कराकर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए।
मुकेश शर्मा, रेवाड़ी। नगर परिषद की ओर से कराए जाने वाले कार्यों में गड़बड़ी की गूंज अब विधानसभा की पिटीशन कमेटी के समक्ष भी सुनाई देनी शुरू हो गई है। कमेटी ने गोवंशी-बंदर पकड़ने के अलावा बरसाती नालों की सफाई, शौचालय के रखरखाव पर करोड़ों रुपये खर्च करने के मामले की एक माह में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
साथ ही गोवंशी पकड़ने वाली फर्म से रिकवरी के साथ ही जांच कराकर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। कमेटी के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान निकाय विभाग के एसीएस विकास गुप्ता के डीएमसी ब्रह्मप्रकाश अहलावत, एक्सईएन अंकित वशिष्ट, मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर कुमार व जेई मौजूद रहे।
दरअसल, सरकारी कामों की निगरानी समेत दूसरे कार्यों के लिए विधानसभा की अलग-अलग कमेटियां हैं। इन्हीं में से एक पिटीशन कमेटी के समक्ष जिले के रहने वाले बिजेंद्र यादव ने रेवाड़ी नगर परिषद में गोवंशी पकड़ने के मामले में गड़बड़ी और एक वकील ने कुत्तों की नसबंदी की शिकायत दी थी।
जिस पर नौ अक्टूबर को कमेटी ने निकाय विभाग के उच्च अधिकारियों और नगर परिषद के सभी अधिकारियों को तलब किया। इस दौरान रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण सिंह यादव और शिकायतकर्ता भी मौजूद रहे। शिकायतकर्ता ने एक-एक कर नगर परिषद द्वारा कराये जाने वाले कार्यों की पोल खोलकर रख दी। कमेटी के समक्ष जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजी रिकार्ड की ही बात करते रहे।
गोवंशी पर 16 लाख, तो बंदर पकड़ने पर नौ लाख खर्च किए
शिकायतकर्ता बिजेंद्र ने कमेटी के समक्ष बताया कि नगर परिषद के अधिकारियों ने बताया कि इस साल जनवरी से अप्रैल तक एक हजार पांच गोवंशी पकड़े। विधायक द्वारा बनाई गई सोशल आडिट टीम ने जब गौशाला का निरीक्षण करना शुरू किया तो अगले ही दिन यह आंकड़ा कम होकर 965 हो गया।
इसके बाद जाटूसाना की गौशाला में पता किया तो वहां पकड़कर छोड़े गए काफी गोवंशी की मौत हो चुकी थी। जबकि अधिकारी इससे पहले मौखिक तौर पर 1500 गोवंशी पकड़ने की बात करते रहे। गड़बड़ी पकड़े जाने के बावजूद गोवंशी पकड़ने का टेंडर लेने वाली फर्म को करीब 16 लाख रुपये की अदायगी कर दी गई।
इस पर पिटीशन कमेटी ने ठेकेदार को की गई पेमेंट की रिकवरी कराकर उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए। वहीं कमेटी के समक्ष नगर परिषद के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2023-24 के बीच 700 बंदर पकड़े। टेंडर लेने वाली फर्म को 1575 रुपये प्रति बंदर पकड़ने के हिसाब से नौ लाख 70 हजार रुपये की अदायगी की बात कही। इस पर भी कमेटी ने जांच के आदेश दिए हैं।
नालों की सफाई की जांच डीसी करेंगे
शहर में बरसाती नालों की समय पर साफ-सफाई नहीं होने और शौचालय की बदहाल स्थिति का मामला भी कमेटी के समक्ष उठा। बरसाती नालों की सफाई 15 मई तक हो जानी चाहिए थी। लेकिन काफी देर से हुई। इतना ही नहीं नालों को खुला छोड़ दिया गया। अधूरे काम के बावजूद ठेकेदार की पेमेंट भी हो गई। इस मामले की जांच कमेटी ने डीसी अभिषेक मीणा को सौंपी है।
वहीं शहर के 22 से ज्यादा शौचालयों के रख रखाव का 31 लाख का टेंडर छोड़ने के बावजूद शौचालयों की बदहाल स्थिति पर अधिकारियों ने जवाब दिया कि फर्म के काम से संतुष्ट नहीं होने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। कमेटी ने इस पर सख्त लहजे में कहा कि फर्म को ब्लैक लिस्ट करने से काम नहीं चलेगा। उसके विरुद्ध एफआईआर होनी चाहिए।
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