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    रेवाड़ी में खसरा नंबर 242 की बेशकीमती जमीन की होगी जांच, DC के आदेश पर ADC के नेतृत्व में गठित टीम गठित

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 11:07 PM (IST)

    रेवाड़ी में खसरा नंबर 242 की कीमती जमीन की जांच होगी। डीसी के आदेश पर एडीसी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। यह टीम जमीन से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से जांच करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सभी नियमों का पालन किया गया है।

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    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। शहर की ऑटो मार्केट के समीप खसरा नंबर 242 की विवादित जमीन को लेकर लगातार दूसरे दिन भी हंगामा मचता रहा। शिकायतों के बाद डीसी अभिषेक मीणा ने एडीसी राहुल मोदी के नेतृत्व में राजस्व और नगर परिषद के अधिकारियों की एक संयुक्त कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं।

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    यह टीम पता करेगी कि आखिर यह जमीन सरकारी है या किसी और की। वहीं पंचनंद संगठन के जिला अध्यक्ष केशव चौधरी ने इसे सरकारी जमीन बताते हुए भू-माफियाओं द्वारा कब्जा करने की साजिश करार दिया। साथ ही जमीन पर मालिकाना हक जताने वाले व्यक्ति के विरुद्ध व्हाट्सएप काॅल कर धमकी देने का आरोप लगाते हुए माॅडल टाउन थाना में शिकायत भी दी है।

    दरअसल, भाजपा एससी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष दारा सिंह ने आरोप लगाया था कि रातों रात खसरा नंबर 242 की 860 वर्गगज जमीन की फ्रीज प्राॅपर्टी आईडी को डी फ्रीज कर खोला गया। यह सरकारी जमीन को बेचने की कोशिश है। इतना ही नहीं कांग्रेस के शहरी अध्यक्ष प्रवीण चौधरी ने भी प्राॅपर्टी आईडी को डी फ्रीज किए जाने पर सवाल उठाए थे।

    दारा सिंह ने तो बकायदा इसकी लिखित शिकायत डीसी अभिषेक मीणा को दी थी। इसके बाद से पूरे शहर में इस जनीव का मामला गर्माया हुआ है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुशील भुक्कल पहले ही कह चुके हैं कि यह जमीन नगर परिषद की नहीं है। जबकि एमई नरेश कुमार का दावा है कि 1992-93 की चकबंदी में यह जमीन नगर परिषद की मलकियत है।

    तीन एकड़ से ज्यादा जमीन, वर्षों से चले आ रहे कब्जे

    जिस खसरा नंबर 242 को लेकर विवाद उठा है, उसकी कुल जमीन तीन एकड़ से ज्यादा है। किसी समय यहां राष्ट्रीय स्कूल होता था। इस पर वर्षों से लोग कब्जा जमाएं बैठे हैं। कब्जा जमाएं बैठे लोगों के पास बकायदा रजिस्ट्रियां और प्राॅपर्टी आईडी तक हैं। ऐसे में अब इन जमीनों से कब्जाधारियों को हटाना भी इतना आसान नहीं है। दारा सिंह का कहना है कि यह सब अधिकारियों की मेहरबानी से हुआ। जमीन सरकारी ही है।

    "राष्ट्रीय स्कूल की जमीन को बेचने के लिए भू-माफिया पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस जमीन पर अवैध तरीके से काफी रजिस्ट्रियां भी हो चुकी हैं। इस पूरे मामले में नगर परिषद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत है, जो धांधली कर प्राॅपर्टी आईडी तक बना रहे हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो शहर की सरकारी जमीनें माफियाओं के कब्जे में चली जाएगी।"

    -केशव चौधरी, जिला अध्यक्ष, पंचनंद संगठन।

    "खसरा नंबर 242 की 3630 वर्गगज जमीन को मैंने उषा नाम की महिला से वर्ष 2008 में खरीदा था। इस जमीन के सारे कागजात मेरे पास है। जमीन की तीन अलग-अलग प्राॅपर्टी आईडी मेरे पास है। नगर परिषद का इसमें कोई लेनादेना नहीं है। जिस 860 वर्गगज जमीन की बात की जा रही है, उसकी भी प्राॅपर्टी आईडी पहले ही बनी हुई है। अब तो बेवजह तूल दिया जा रहा है। जहां तक केशव चौधरी की बात है तो उनकी मेरे पास 48 मिनट की रिकार्डिंग है। उसने मुझसे पैसे मांगे थे।"

    -मनोज कुमार, गांव बुढ़पुर।

    "खसरा नंबर 242 और फ्रीज की गई प्राॅपर्टी आईडी को डी फ्रीज करने के मामले में कमेटी गठित की है। एडीसी को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। डीएमसी, डीआरओ और नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता कमेटी के सदस्य होंगे। यह कमेटी इस जमीन का ज्वाइंट इंस्पेक्शन करके अपनी रिपोर्ट देगी।"

    -अभिषेक मीणा, डीसी, रेवाड़ी।

    "खसरा नंबर 242 की सरकारी भूमि पर राष्ट्रीय स्कूल द्वारा फर्जी प्रापर्टी आईडी और जाली दस्तावेज़ों के आधार पर कब्जा जमाने का मामला बेहद गंभीर है। नगर परिषद की जमीन को इस तरह से हड़प लिया जाना न केवल सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का मामला है, बल्कि यह सरकार की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता को भी उजागर करता है।"

    -कैप्टन अजय यादव, पूर्व वित्तमंत्री, हरियाणा।

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