रेवाड़ी में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर: AQI 406 पार, धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में स्मॉग की चादर
रेवाड़ी में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुँच गया है, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 406 पार कर गया है। धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में स्मॉग की घनी चादर छाई हुई है, जिससे दृश्यता कम हो गई है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास कर रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। जिले में दीवाली के दिन से आमजन की सांसों पर छाया संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण दूसरी बार जिले में वायु प्रदूषण का स्तर 400 को पार कर गया है।
बृहस्पतिवार को जिले के धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 406 दर्ज किया गया। जोकि देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। यह वायु प्रदूषण की सबसे खराब श्रेणी में आता है, जिसके संपर्क में आने से आमजन को सांस सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
इससे पहले 21 अक्टूबर को वायु प्रदूषण का स्मर 412 पर पहुंच गया था। बृहस्पतिवार को सुबह से ही स्माग की चद्दर छाई रहने के कारण दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पाए। वहीं दोपहर के समय बूंदाबांदी जरूर हुई, लेकिन उससे प्रदूषण में खास राहत नहीं मिली। वहीं तापमान में भी गिरावट के चलते सर्दी भी अपना असर दिखा रही है।
सुबह-शाम गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होना शुरू हो गई। वहीं मौसम विभाग की तरफ से दो नवंबर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना जताई गई है। ऐसे में मौसम से आमजन को खास राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जिले में अभी तक वायु प्रदूषण को रोकने को लेकर जिम्मेदारों के प्रयास नाकाफी रहे हैं।
डस्ट पोर्टल पर निर्माण से संबंधित 113 साइटों की ही सूचना
जिले में जहां जगह-जगह पर निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। वहीं जगह-जगह पर कचरा फेंकने के साथ ही सुलग भी रहा है तथा सड़क के किनारे व डिवाइडर के साथ पड़ी मिट्टी को भी साफ नहीं कराया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिल पा रही है। डस्ट पोर्टल पर निर्माण से संबंधित 113 साइटों की ही सूचना आमजन ने दी है जबकि इनकी संख्या कहीं अधिक है।
नागरिक अस्पताल में बढ़ी ओपीडी
जिले में लगातार वायु की बेहद खराब गुणवत्ता के कारण न केवल लोगों की सांसों पर संकट छाया हुआ है। वहीं आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ गई है, जिसके कारण नागरिक अस्पताल में सांस व आंखों में जलन से संबंधित बीमारी की ओपीडी भी दोगुना तक बढ़ी है, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी। जहां पानी छिड़काव के कार्य में महज खानापूर्ति की जा रही है। वहीं कचरा जलाने तथा खुले में फेंकने की घटनाओं पर तो कोई रोक ही नहीं है।
पिछले दस दिनों का एक्यूआई
| दिनांक | एक्यूआई | तापमान |
30 अक्टूबर | 406 | 26.0/16.0 |
29 अक्टूबर | 298 | 29.5/12.2 |
28 अक्टूबर | 315 | 25.0/14.0 |
27 अक्टूबर | 334 | 27.0/10.5 |
26 अक्टूबर | 376 | 34.5/9.5 |
25 अक्टूबर | 307 | 34.0/11.2 |
24 अक्टूबर | 312 | 34.0/10.5 |
23 अक्टूबर | 322 | 32.5/10.0 |
22 अक्टूबर | 379 | 32.0/15.5 |
| 21 अक्टूबर | 412 | 32.5/13.0 |
| 20 अक्टूबर | 305 | 32.5/14.0 |
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