Rewari: तीन करोड़ का टेंडर... सवालों के घेरे में जिम्मेदार, जिले में बढ़ा हादसे का खतरा
रेवाड़ी में बारिश के पानी को बचाने के लिए शुरू किए गए रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम का काम अधूरा पड़ा है। नगर परिषद ने टेंडर जारी किया था लेकिन कंपनी ने बोरिंग करके पाइप डालने के बाद काम रोक दिया। कई जगहों पर बोरिंग खुली छोड़ने से हादसे का खतरा है। प्रशासन ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी में वर्षा के दिनों में सड़कों पर जमा होने वाले पानी को बहकर बर्बाद होने से बचाने और उसे संग्रह करने के लिए नगर परिषद की तरफ से शहर में 26 अलग-अलग प्वाइंट पर रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए करीब ढाई माह पहले दो करोड़ 82 लाख रुपये का टेंडर छोड़ा गया।
टेंडर लेने वाली फर्म ने सभी प्वाइंट पर रैन हार्वेस्टिंग के लिए बोरिंग कर पाइप भी डाल दिए लेकिन उसके बाद आगे का काम नहीं किया। ‘दैनिक जागरण’ ने बुधवार को जब पड़ताल की तो पता चला कि एक भी जगह पाइप डालने के बाद लोहे की जाली और उसे पक्का नहीं किया गया।
कुछ जगह तो बोरिंग के बाद उस पर पत्थर रखे हुए है। जिसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। नगर परिषद के सूत्रों के अनुसार, टेंडर लेने वाली फर्म को अभी पैसों की अदायगी नहीं हुई है लेकिन फर्म की तरफ से पेमेंट की आदयगी को लेकर बिल लगा दिए गए हैं।
दरअसल, शहर में 31 वार्ड है। इनमें 16 प्वाइंट पर रैन हार्वेस्टिंग के लिए बोरिंग की गई है। जबकि नेहरू पार्क और नई अनाज मंडी के बीच से निकलने वाले रास्ते पर डीएमसी आफिस के बाहर तक 10 प्वाइंट पर रैन हार्वेस्टिंग का काम किया गया है। यह सभी वह प्वाइंट है, जहां वर्षा के समय में कई-कई दिनों तक जलभराव रहता है। रैन हार्वेस्टिंग के बाद न केवल वर्षा के मौसम में जलभराव से निजात मिलेगी, बल्कि पानी को संग्रह किया जा सकेगा।
सेक्टर एक में श्मशान भूमि के सामने पत्थर ढक कर छोड़ा
सेक्टर-एक में ही फर्म ने रैन हार्वेस्टिंग के लिए बोरिंग की। दो दिनों तक काम चलने के बाद परमिशन नहीं होने के कारण काम को बंद कर दिया गया। तब तक 20 फीट गहराई तक बोरिंग की जा चुकी थी। फर्म के कर्मचारियों ने उस पर पत्थर ढककर छोड़ दिया। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। चूंकि पहले कई बार इसी तरह के बोरिंग में छोटे बच्चे गिर चुके हैं। पत्थर भी इस तरह का रखा है, जिससे कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि यहां इतनी गहराई की बोरिंग हुई है।
डीसी के आदेश पर भी पक्का नहीं किया
25 अगस्त को निरीक्षण पर निकले उपायुक्त अभिषेक मीणा जब नई अनाज मंडी के साथ वाले रास्ते पर पहुंचे तो उन्हें कई जगह सड़क किनारे पाइप बाहर निकलने हुए दिखाई दिए। डीसी ने ईओ सुशील भुक्कल से पूछा तो उन्होंने बताया कि रैन हार्वेस्टिंग के लिए बोरिंग कराई गई थी।
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डीसी ने उसी वक्त रैन हार्वेस्टिंग वाले सभी प्वाइंट पर पक्का निर्माण कर जाली लगाने का आदेश दिया था। लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद जब ‘दैनिक जागरण’ यहां पड़ताल की तो आज भी वहां उसी तरह के पाइप ही निकले हुए है। इसके अलावा सेक्टर-एक में ही जिला न्यायालय के सामने पार्क में भी रैन हार्वेस्टिंग का काम अधूरा छोड़ा हुआ है।
दो अलग-अलग टेंडर जारी किए गए थे। टेंडर लेने वाली फर्म के पास अभी कार्य को लेकर काफी समय बचा है। हालांकि बोरिंग के बाद पत्थर ढक कर छोड़ देना गंभीर मामला है। किसी भी तरह की कोताही बर्ताश्त नहीं की जाएगी। इन्हें तुरंत ठीक कराया जाएगा। - सुशील भुक्कल, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद
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